जयपुरः एसएमएस के डॉक्टर मरीजों को चक्करघिन्नी खिला रहे है. जिस भर्ती मरीज को दूसरे विभाग के चिकित्सक का ओपिनियन चाहिए उसे तो ऑफलाइन रेफरेंस फार्म थमाकर अटेंडेंट को चक्कर खिला रहे है. इसके बाद अब सवाल ये ही उठ रहा है कि ऐसा क्यों किया जा रहा है क्या SMS के बड़े डॉक्टर कड़े एक्शन के इंतजार में हैं?
चिकित्सकों की मनमानी से अस्पताल में रोजाना सैंकड़ों मरीज भटकते रहते है. जबकि अस्पताल के IHMS पोर्टल में ऑनलाइन रेफरेंस की व्यवस्था है. यदि सभी चिकित्सक ऑनलाइन रेफरेंस का शतप्रतिशत उपयोग करें तो मरीजों की परेशानी खत्म हो जाए. चिकित्सकों की जिम्मेदारी तय हो सकेगी. हालांकि आश्चर्य ये कि कई बार निर्देश के बावजूद ऑनलाइन रेफरेंस की पालना नहीं की गई.
खुद चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवप्रसाद नकाते मनमानी पर नाराजगी जता चुके है. फिर भी 1 जनवरी 2024 से अनिवार्य की गई व्यवस्था को चिकित्सक मानने को तैयार नहीं है. इस व्यवस्था के प्रति न तो विभाग के HOD गंभीर और न ही यूनिट प्रभारी. ऐसे में अब एक बार फिर से अस्पताल अधीक्षक डॉ.अचल शर्मा ने सख्त कागजी फरमान निकाला है. ऐसे में सवाल ये कि, क्या ACS शुभ्रा सिंह मरीजों की बड़ी दिक्कत पर लेगी प्रसंज्ञान ? मरीज के परिजनों को चक्करघिन्नी करने वाले चिकित्सकों पर होगा कोई एक्शन ?