सूचना के अधिकार को लेकर बोले अशोक गहलोत, कहा- UPA सरकार में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से RTI लागू किया गया

सूचना के अधिकार को लेकर बोले अशोक गहलोत, कहा- UPA सरकार में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से RTI लागू किया गया

जयपुर : सूचना के अधिकार को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज सूचना का अधिकार कानून (RTI) को लागू हुए 20 साल पूरे हो रहे हैं. UPA सरकार के दौरान प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह एवं UPA चेयरपर्सन  सोनिया गांधी ने सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से RTI लागू किया गया. RTI ने नागरिकों को मजबूत किया एवं भ्रष्टाचार के कई मामले सामने भी आए.

अरुणा रॉय एवं अन्य साथियों द्वारा RTI का आंदोलन राजस्थान से शुरू किया गया था और राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने सन 2000 में सूचना का अधिकार लागू करने की पहल की. UPA सरकार के दौरान इसे एक्ट बनाकर पूरे देश में लागू करने का श्रेय प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह एवं UPA चेयरपर्सन सोनिया गांधी को जाता है. 

RTI अपने आप में एक विशेष प्रकृति का कानून था जिसकी प्रशंसा पूरे विश्व में हुई. इस कानून ने देश के नागरिकों को सरकारी सूचनाओं की आसानी से प्राप्ति का अधिकार दिया. इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा और सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ी. 

यह बेहद चिंताजनक है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में RTI को लगातार कमजोर किया गया है. 2019 में सूचना आयुक्त की शक्तियां कम की गईं. वर्तमान में केन्द्रीय सूचना आयोग में प्रमुख सूचना आयुक्त समेत 9 पद रिक्त हैं एवं केवल 2 सूचना आयुक्त नियुक्त हैं. डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम के नाम पर RTI में जानकारी छिपाई जा रही हैं. 

RTI की मजबूती देश के नागरिकों के अधिकारों की मजबूती एवं सरकारी व्यवस्था की पारदर्शिता में बढ़ोत्तरी है. मोदी सरकार निहित स्वार्थों के कारण RTI को धीरे-धीरे खत्म करने का प्रयास कर रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है.