जयपुरः सीएम भजन लाल शर्मा के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने उन जिलों का रुख किया है जहां विधानसभा के उपचुनाव होने है. झुंझुनूं,नागौर,दौसा और टोंक का सीपी जोशी ने कर लिया है.जल्द ही वागड़ भी जायेंगे. सीएम भजन लाल शर्मा के सात बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की मुलाकात में पांच विधानसभा उप चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई. खासतौर से कांग्रेस की गठबन्धन पॉलिटिक्स को भेदने की.
बजट के ऐलान के बाद राजस्थान की बीजेपी जुट गई है.पांच विधानसभा चुनाव क्षेत्रों की रणनीति बनाने में. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के उप चुनाव क्षेत्रों से जुड़े जिलों के दौरों ने सत्ताधारी दल की चुनावी तैयारियों को गति दी है. जाहिर है उप चुनाव के दौरान सत्ताधारी दल को upper hand होता है मगर राजस्थान में बीते विधानसभा उप चुनाव में ऐसा नहीं हो पाया था. बीजेपी की कोशिश है पांच विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज करने की कार्य आसान नहीं है इसलिए सीएम भजन लाल शर्मा के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के दौरे जारी है. मकसद है कांग्रेस की गठबन्धन पॉलिटिक्स को भेदना और बीजेपी के स्थानीय कैडर को चाक चौबंद करना.
---बीजेपी कैसे निकालेगी कांग्रेस की गठबंधन पॉलिटिक्स का तोड़! ---
बीजेपी के सामने चुनौती है चौरासी और खींवसर
दोनों जगह कांग्रेस एलायंस के जरिए उम्मीदवार उतार सकती है
चौरासी में कांग्रेस भारतीय आदिवासी पार्टी को समर्थन कर सकती है
वही खींवसर में कांग्रेस और RLP साथ साथ चुनाव लड़ सकते है
बीजेपी एलायंस को तोड़ने के लिए चौरासी में सामान्य कार्यकर्ता को चुनाव लड़ाने की सोच रही
जैसे बीजेपी ने वैभव गहलोत के सामने जालोर सिरोही में प्रयोग किया था
मालवीय सरीखे भारी भरकम उम्मीदवार को लाकर बीजेपी सफलता नहीं मिली थी
लिहाजा चौरासी में विचार परिवार के निष्ठावान युवा कार्यकर्ता को समर में उतारा जा सकता है
खींवसर में बीजेपी को लगता है कि कांग्रेस और RLP के बीच की फूट का लाभ मिलेगा
बीजेपी को लगता है कि कांग्रेस RLP गठबंधन लाभ प्रद हो सकता है
बीजेपी थिंक टैंक मानता है त्रिकोणीय चुनाव RLP को लाभ पहुंचा सकता है
पांव सीटों पर विधानसभा उप चुनाव इसलिए हो रहे है कि दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा अब सांसद बन गए,चौरासी विधायक राजकुमार रोत अब बांसवाडा डूंगरपुर से सांसद है. झुंझुनूं विधायक बृजेंद्र ओला अब झुंझुनूं से एमपी बन चुके. खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल अब नागौर के सांसद है. देवली उनियारा विधायक हरीश मीना अब तो टोंक सवाई माधोपुर से सांसद बन गए है. सीएम भजन लाल शर्मा और सीपी जोशी की मुलाकात में चुनावी रणनीति के साथ ही डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा की भूमिका पर भी बातचीत की जानकारी सूत्रों से मिल रही. उल्लेखनीय है कि दौसा और देवली उनियारा के उप चुनाव में डॉ किरोड़ी के प्रभाव से इंकार नहीं किया जा सकता. सीपी जोशी ने अपने दौरों का फीडबैक भी सीएम भजन लाल शर्मा को दिया है. डूंगरपुर जिले की चौरासी,टोंक जिले की देवली उनियारा,दौसा जिले की दौसा,नागौर जिले की खींवसर और झुंझुनूं जिले की झुंझुनूं विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. इन सभी जगह के विधायक अब संसद सदस्य की शपथ ले चुके है और यहां अब नए विधायक के लिए चुनाव होगा.सत्ताधारी दल बीजेपी के लिए पांचों सीटें कठिन टास्क है. क्योंकि यहां बीते विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को पराजय मिली थी और फिर गैर बीजेपी दल का विधायक लोकसभा चुनाव में सांसद बन गया.खींवसर और झुंझुनूं सीट को जाट बेल्ट की सीटों में माना जाता है. कांग्रेस को लगता है कि देश भर में अब तक हुए विधानसभा चुनावों में इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार अधिक संख्या में जीते है ऐसा ही राज्य के विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा. PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने पांचों उप चुनावों में जीत का दावा किया है. वही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का कहना है कि भजन लाल सरकार के बजट ने राजस्थान को विकसित बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया है. पांच उपचुनावों में भी डबल इंजिन सरकार होने का चुनावी लाभ मिलेगा.
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और हमारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी पांच विधानसभा उप चुनाव क्षेत्रों में से कुछ जगह पर दौरे कर चुके हैं. जाट बेल्ट में पीसीसी चीफ डोटासरा का प्रभाव साफ नजर आता है तो वही देवली उनियारा और दौसा में सचिन पायलट फैक्टर से इंकार नहीं किया जा सकता.यही कारण सीएम भजन लाल शर्मा और सीपी जोशी की मुलाकात के बाद सूत्र ये भी बता रहे है कि विधानसभा उपचुनाबोउके ऐलान से पहले मंत्रिपरिषद फेरबदल और विस्तार हो सकता है. लेकिन ये तय है कि राजस्थान में चुनावी रणनीति बनाने में बीजेपी सोशल इंजीनियरिंग के साथ ही क्षेत्रीय समीकरणों को साध कर चुनावी समर में उतरेगी.