मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया के युवा तेज गेंदबाज लांस मौरिस का मानना है कि बोर्डर-गावस्कर श्रृंखला के दौरान भारतीय पिचों पर गेंदबाजी करना ‘चुनौतीपूर्ण’ होगा लेकिन यह उनके लिए सीखने के लिहाज से बहुत बड़ा मौका होगा.
पैट कमिंस की ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के टेस्ट और वनडे दौरे की शुरुआत नौ फरवरी से नागपुर में पहले टेस्ट के साथ करेगी. ऑस्ट्रेलिया ने 24 वर्षीय मौरिस को 18 सदस्यीय टेस्ट टीम में जगह दी है और सिडनी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट में पदार्पण से चूकने के बाद उन्हें भारत के खिलाफ चार टेस्ट की श्रृंखला में यह मौका मिल सकता है. मौरिस ने मंगलवार को ‘एसईएन रेडियो’ से कहा कि ईमानदारी से कहूं तो (भारत में गेंदबाजी गति का) फीडबैक बहुत अच्छा नहीं रहा है.
गेंदबाजी सीखने से अधिक कुछ उम्मीद नहीं कर रहे:
इस साल ‘ब्रैडमैन यंग क्रिकेटर ऑफ द ईयर पुरस्कार’ के विजेता ने कहा कि काफी चीजों को लेकर उत्सुक नहीं हूं, मुझे गेंद तेजी से विकेटकीपर के पास जाते हुए नहीं दिखेगी और वह अंगुली ऊपर की ओर रखते हुए ग्लव्स में गेंदों को नहीं पकड़ेगा. ऐसा लगता है कि यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण होने वाला है लेकिन फिर भी यह रोमांचक होगा. मौरिस ने कहा कि व्यक्तिगत स्तर पर वह अनुभवी खिलाड़ियों के साथ होने और उपमहाद्वीप की पिचों पर गेंदबाजी सीखने से अधिक कुछ उम्मीद नहीं कर रहे.
ट्रेनिंग सत्र में उनसे सीखने का मौका मिलना अच्छा:
उन्होंने कहा कि हमारे पास टीम में कुछ दिग्गज खिलाड़ी हैं और अब वास्तव में एक अनुभवी टीम है. कुछ ट्रेनिंग सत्र में उनसे सीखने का मौका मिलना अच्छा है. मैं खुद पर बहुत अधिक उम्मीदें नहीं रखना चाहता. मैं इसे सीखने के अनुभव के रूप में उपयोग करना चाहता हूं. मैंने पहले कभी टीम के साथ दौरा नहीं किया है इसलिए यह मेरा विदेश में पहला अनुभव होगा. मौरिस ने कहा कि यह मेरे लिए सीखने का एक बड़ा अवसर होने जा रहा है. सोर्स-भाषा