विधानसभा का बजट सत्र लिखेगा नया इतिहास, सदन में होगा लंच ब्रेक, सभी सियासी दलों ने जताई सहमति

जयपुरः विधानसभा का बजट सत्र नया इतिहास लिखेगा जब सदन में लंच ब्रेक भी होगा. ऐसा करने वाले विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी होंगे. आज विधानसभा में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में स्पीकर ने ही लंच ब्रेक का सुझाव दिया था. जिसे सभी दलों ने मान लिया. सीएम भजन लाल शर्मा भी बैठक में हुए शामिल,नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी दिए सुझाव. 

विधानसभा के बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक का आयोजन हुआ. स्पीकर वासुदेव देवनानी ने बैठक बुलाई और इसमें सदन को नियमों के साथ चलाने के साथ ही लंच ब्रेक का सुझाव आया ,सुझाव खुद स्पीकर ने रखा जिसे सभी सियासी दलों ने मान लिया..बैठक में सीएम भजन लाल शर्मा ,नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली हुए शामिल. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने बैठक में कहा कि सदन में अपनी अपनी बात रखने के लिए पक्ष व प्रतिपक्ष के सभी सदस्यों की भावना एक समान होती है. सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका मिले इसके लिए पूरे प्रयास किये जाएँ. सदस्य भी अपनी बात समय सीमा में रखने का प्रयास करें.बैठक में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल,मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग RLD, BAP विधायक थावर चंद BAP , बीएसपी विधायक मनोज न्यांगली  मौजूद रहे.

विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सदन में सार्थक चर्चा होनी चाहिए.. सभी सदस्यों को बोलने का मौका मिलेगा. विधान सभा का सदन अधिक से अधिक दिन चले इसके लिए सभी दलों के सभी सदस्यों को सकारात्मक सोच रखनी होगी. उन्होंने कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी सोलहवीं विधान सभा के सभी नवनिर्वाचित सदस्यों की है. देवनानी ने बैठक में मध्यान्ह भोजन अन्तराल या यूं कहे लंच ब्रेक के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा कि लोक सभा की तर्ज पर राजस्थान विधान सभा में भी भोजन अन्तराल का निश्चित समय तय किया जा सकता है. इससे एक ही समय पर सभी विधायकगण भोजन कर सकेंगे और उसके बाद पुनः सदन में सभी सदस्य कार्यवाही में भाग ले सकेंगे.

देवनानी के इस प्रस्ताव पर बैठक में मौजूद सभी दल के प्रतिनिधियों ने इसे अच्छी पहल बताते हुए सहमति व्यक्त की. फर्स्ट इंडिया ने इस बारे में संकेत दे दिए थे. वासुदेव देवनानी ने बताया कि प्रथम सत्र के 2054 प्रश्नों में से 92 प्रतिशत प्रश्नों के जवाब विधान सभा को प्राप्त हो गये है.. अब 177 प्रश्नों के जवाब आना शेष है. देवनानी ने कहा कि यह शुभ लक्षण है. शेष रहे प्रश्नों के जवाब भी विधान सभा को शीघ्र प्राप्त होने की उम्मीद है. बैठक में तय किया गया कि नया सत्र आरम्भ होने से पहले गत सत्र के सभी प्रश्नों के जवाब विधान सभा को आवश्यक रूप से प्राप्त हो जाने चाहिए.