बूंदी: जिले के तालेड़ा उपखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत बाजड में 60 वर्षीय किसान ने 3 1/2 बीघा फसल खराब होने से सदमे में आकर आत्महत्या कर ली. जानकारी के अनुसार बाजड के ग्रामीण बृजगोपाल ने बताया कि पृथ्वीराज बैरवा उम्र 60 वर्ष हमारे गांव बाजड का निवासी था जिसने अपने खेत 3 बीघा खेत में गेहूं की फसल कर रखी थी. पिछले दिनों हुई बारिश से फसल खराब हो गई जिसके कारण वह सदमे में आ गया. दो-तीन दिन से वह सदमे में था.
मृतक पृथ्वीराज ने छोटे बेटे की शादी के लिए कर्ज लिया था. वह भी उससे नहीं चुका और 5 साल से लगातार खेती में नुकसान होने से उसके ऊपर कर्ज काफी बढ़ गया था और पृथ्वीराज के ऊपर करीब ₹800000 करीब का कर्जा चढ़ने और इस बार भी गेहूं की फसल खराब होने से वह सदमे में आ गया. इसी के चलते उसने खेत में जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया.
तालेड़ा थाने के हेड कांस्टेबल वीरेंद्र सिंह ने बताया कि पृथ्वीराज शनिवार को सुबह 10:00 बजे अपने खेत पर गया था. जहां उसने कीटनाशक दवा पी ली. पड़ोस के खेत वाले ने परिजनों को सूचना दी तो परिजन किसान को लेकर तालेड़ा अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद कोटा रेफर कर दिया. कोटा में इलाज के दौरान देर रात 3:00 बजे करीब उसने दम तोड़ दिया. शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है. मृतक के पुत्र मनीष ने फसल खराब होने और कर ज्यादा होने के कारण किसान के सुसाइड करने की रिपोर्ट दी है. पुलिस ने पंचनामा बना लिया है. रिपोर्ट के आधार पर मामले दर्ज कर जांच की जाएगी.
3 बीघा जमीन में करके थी गेहूं की फसल:
मृतक के भतीजे महेंद्र ने बताया कि उसके चाचा पृथ्वीराज बैरवा ने 3 बीघा जमीन में गेहूं की खेती कर रखी है पिछले दिनों हुई बरसात के कारण फसल खराब हो गई थी. उन्होंने छोटे बेटे की शादी के लिए कर्ज लिया था जो नहीं चुका. लगातार पिछले 5 सालों से जवारे की फसल कर रहे थे. उसमें भी काफी उनको नुकसान हुआ है. जवारा तक नहीं चुका पाए हैं और कर्ज और फसल खराब होने के कारण उसके चाचा सदमे में आ गए. शनिवार को सुबह 10:00 बजे हुआ खेत पर गए थे या कीटनाशक पी लिया. पड़ोस के खेत वाले ने इसकी जानकारी दी तो मेरे चाचा का लड़का मनीष और परिवार के लोग मौके पर पहुंचे और उनको गंभीर हालत में ताला अस्पताल ले गए. जहां से डॉक्टर ने कोटा रैफर कर दिया. कोटा अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. फसल खराब होने के कारण परेशान मृतक के बेटे मनीष ने बताया कि उसके पिता पृथ्वीराज ही घर का खर्चा चला रहे थे. वह और उसका बड़ा भाई रामनारायण कोटा में मजदूरी करते हैं. मनीष की शादी के लिए कर्ज लिया था. वह भी नहीं चुका पाए. इस बार की गेहूं की खड़ी फसल से काफी उम्मीद थी. लेकिन बेमौसम बरसात ने वह भी खराब हो गई. फसल खराब होने के कारण पिता परेशान थे.