जयपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खान एवं पेट्रोलियम विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक की, जिसमें विभाग के राजस्व संग्रह, खनन क्षेत्र में गतिविधियों की प्रगति, प्रशासनिक सुधारों और लंबित बजटीय घोषणाओं के क्रियान्वयन पर गहन चर्चा हुई. बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण दिए, जिसमें बीते वर्षों के प्रदर्शन और आगामी लक्ष्यों का विस्तृत ब्यौरा शामिल था. मुख्यमंत्री ने अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
2025-26 के लिए ₹12980 करोड़ का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है, जिसमें जून 2025 तक ₹2094.71 करोड़ प्राप्त हो चुके हैं. पेट्रोलियम क्षेत्र में भी राजस्व वृद्धि दर्ज की गई है, जहाँ 2023-24 में ₹3425.08 करोड़ प्राप्त हुए और 2024-25 में ₹2688.91 करोड़ का लक्ष्य रखा गया. विभाग ने स्पष्ट किया कि राजस्व वृद्धि के लिए पारदर्शिता और नई खनन नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है.
पेट्रोलियम और खनन क्षेत्रों में राजस्व के प्रमुख स्रोत:
राजस्व के मुख्य स्रोतों में सीसा-जस्ता, लिग्नाइट, रॉक फॉस्फेट, डोलोमाइट, लौह अयस्क और अन्य गौण खनिज शामिल हैं. वर्ष 2024-25 के आंकड़ों के अनुसार, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) से सर्वाधिक राजस्व (₹3093 करोड़) प्राप्त हुआ है, इसके बाद आर.सी.सी./ई.आर.सी.सी. और गौण खनिजों का स्थान है. विभाग ने बजरी के उत्खनन और एम-सैंड के उपयोग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया, जिससे राजस्व में और वृद्धि की जा सके
बजरी की मांग और आपूर्ति की स्थिति:
बैठक में बजरी की मांग और आपूर्ति की विस्तृत समीक्षा की गई. प्रदेश में बजरी की वार्षिक मांग लगभग 70 मिलियन टन प्रतिवर्ष है. वर्तमान में 24 पुराने बजरी खनन पट्टे चालू हैं, जबकि 255 नए प्लॉट नीलाम किए गए हैं. कुल 209 मंशे जारी की गई हैं. बजरी की आपूर्ति में नदी क्षेत्र के स्वीकृत खनन पट्टों से 6.74 मिलियन टन और एम-सैंड इकाइयों से 8.09 मिलियन टन का योगदान है. राज्य सरकार ने बजरी की समस्या के समाधान के लिए RSMMTL के पक्ष में भीलवाड़ा में खनन बजरी के 3 प्लॉट आवंटित करने के लिए मंशा पत्र जारी किया है.
प्रशासनिक सुधार और रिक्त पदों पर चर्चा:
प्रशासनिक दक्षता में सुधार के लिए विभिन्न विभागों में सीधी भर्तियों की अद्यतन स्थिति पर भी चर्चा हुई. आरपीएससी और आरएसएसबी द्वारा विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है, जिनमें कनिष्ठ सहायक और वाहन चालक के पद शामिल हैं. विभाग में स्वीकृत कुल 2318 पदों में से 1331 पद भरे हुए हैं, जबकि 987 पद रिक्त हैं. इन रिक्त पदों को शीघ्र भरने की आवश्यकता पर जोर दिया गया, विशेषकर तकनीकी और मंत्रालयिक कर्मचारियों के पदों पर.
अवैध खनन पर प्रभावी कार्यवाही:
अवैध खनन, निर्गमन और भंडारण के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही जारी है. 2023-24 में 9563 प्रकरण दर्ज किए गए, 799 एफआईआर, 9033 जप्त वाहन/मशीनरी और 69.97 करोड़ रुपये का अर्थदंड वसूला गया. वर्ष 2025-26 (30.06.2025 तक) में भी 3265 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. निदेशालय स्तर पर 24x7 कंट्रोल रूम स्थापित कर अवैध खनन की शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही की जा रही है.
आई.टी. सिस्टम का सुदृढ़ीकरण:
विभाग में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए आई.टी. सिस्टम के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसमें वेब और अवैध खनन क्षेत्र की जीआईएस फेंसिंग, जीपीएस और आरएफआईडी युक्त वाहनों से खनन नियंत्रण, पुलिस थानों/चौकियों पर एआई आधारित कैमरे, और एम्पेन्डेड वेईब्रिज के लिए बैकएंड सॉफ्टवेयर का उपयोग शामिल है. आधुनिक कंट्रोल रूम स्थापित करने और आरसीसी/ईआरसीसी के ठेकों में ऑनलाइन रॉयल्टी राशि का प्रावधान भी किया गया है.
लंबित बजटीय घोषणाओं का क्रियान्वयन:
वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 की लंबित बजटीय घोषणाओं के क्रियान्वयन पर विशेष बल दिया गया. कुल 22 घोषणाओं में से 12 पूरी हो चुकी हैं, जबकि 4 प्रगति पर हैं और 6 अभी शुरू होनी हैं. इनमें 60 खनि पट्टों के लिए प्री-एम्बेडेड क्लियरेंस की घोषणा और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विभाग को निर्देशित किया कि वे राजस्व संग्रह के लक्ष्यों को प्राप्त करने, अवैध खनन पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने और सभी लंबित योजनाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करें. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि एम-सैंड के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा दिया जाए ताकि बजरी की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके और प्रदेश के विकास में खनन क्षेत्र का योगदान सुनिश्चित हो.