राजसमंद से कांग्रेस उम्मीदवार सुदर्शन सिंह रावत लौटाया टिकट, कहा- किसी युवा और इच्छुक व्यक्ति को मौका दिया जाए

राजसमंद से कांग्रेस उम्मीदवार सुदर्शन सिंह रावत लौटाया टिकट, कहा- किसी युवा और इच्छुक व्यक्ति को मौका दिया जाए

जयपुर: राजसमंद लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार सुदर्शन सिंह रावत ने चुनाव लड़ने के इनकार कर दिया है. उन्होंने पार्टी को टिकट लौटा दिया है और PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को एक पत्र लिखा है.

उन्होंने पत्र में लिखा कि मुझे 2018 में कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी के तौर पर भीम देवगढ़ से विधानसभा चुनाव लडने का अवसर दिया व भीम देवगढ़ की जनता ने 15 साल के कुशासन से त्रस्त होकर मुझे सुशासन एवं विकास की आशा के साथ राजस्थान की विधानसभा में भेजा.

2018-2023 तक का कार्यकाल भीम देवगढ़ के विकास के मायने में ऐतिहासिक रहा. हमने रात दिन एक करके कोरोना काल से लोहा लेने के बाद आजाद भारत के 70 वर्षों के इतिहास में जो कार्य नहीं हुए उन्हें क्रियान्वित किया. दो नवीन उपतहसील, उपजिला चिकित्सालय, भीम में नगर पालिका स्कूलों का क्रमोनयन, स्टेडियम कॉलेजों में साइन्स एवं पीजी, भीम में महिला महाविधालय, दो ITI, पुलिस थाना, गांव-गांव में डामरीकरण सड़के एवं पेयजल, पाईपलाइनें, पदयात्रा कर बन्द पड़े हाइवे का पुनः निर्माण एवं सबसे महत्वाकांशी चम्बल पेयजल योजना को धरातल पर लाकर जनता की प्यास बुझाने के सपने को साकार किया.

इन सबके उपरान्त गत विधानसभा चुनावों से पूर्व मेवाड के राजनितिक परिदृश्य को बदलने वाले घटनाक्रमों के कारण परिणाम अनुकूल नही रहे. हमें पराजय का सामना करना पड़ा. हमने जनता के जनादेश को स्वीकार किया.

तत्पश्चात विगत एक माह में लोकसभा चुनाव की रायशुमारी व चर्चा के दौरान मेंने कई बार प्रदेश के सभी शीर्ष नेताओं को लोकसभा चुनाव लडने में असमथर्ता जताई क्योंकि यह मेरी व्यक्तिगत राय थी कि ऐतिहासिक विकास कार्यों के बावजूद गत विधानसभा चुनाव की पराजय के मात्र चार माह बाद मुझे यह नैतिक अधिकार नही एवं तर्कसंगत भी नहीं की में लोकसभा चुनाव लडू न मेरी इसको लेकर कोई रणनीतिक तैयारी थी. 

एवं मेरे विदेश में व्यापार के सिलसिले में अगले दो माह तक विदेश दौरे रहने का कार्यक्रम था. अतः किसी युवा एवं इच्छुक व्यक्ति को मौका देकर उम्मीदवार बनाया जाये. परन्तु मेवाड़ के एक शीर्ष नेता द्वारा पार्टी नेतृत्व को अन्धेरे में रखकर मेरी अगले दो माह विदेश दौरे पर होने एवं बार-बार असहमति जताने के बावजूद मेरा नाम प्रस्तावित किया गया जो कि उचित नही है.

25 मार्च की शाम को मुझे सोशल मीडिया के द्वारा मेरे उम्मीदवार घोषित होने की खबर मिली जो कि मेरे लिये आश्चर्य का विषय थी. मेरी पुनः कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध है कि मेरी जगह किसी योग्य एवं इच्छुक उम्मीदवार को मौका दिया जाये. मेरे इस कदम से मेरे समर्थको, शुभचिन्तकों एवं पार्टी नेतृत्व की भावना को ठेस पहुंची हुई होगी इस हेतु में सभी का क्षमा प्रार्थी हूं.