जयपुर: राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरु हो चुका है. कांग्रेस सत्ता पक्ष को सदन में मजबूती से घेरने के लिए इस बार शेडो कैबिनेट का सहारा लेगी. 9 जुलाई को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शेडो कैबिनेट का गठन करके वरिष्ठ विधायकों को जिम्मेदारी दी जाएगी. कैबिनेट में शामिल विधायक सरकार की नीतियों और विभागों के कामकाज पर पैनी नजर रखेंगे.
राजस्थान विधानसभा के सत्र का आगाज हो चुका है. 10 जुलाई को सीएम भजनलाल पूर्णकालिक बजट पेश करेंगे. बजट पेश करने के अगले दिन से फिर पूरा सत्र बेहद हंगामेदार रह सकता है. क्योंकि संख्या बल और अनुभवी विधायकों से लबरेज कईं मसलों पर सरकार को सदन में घेरने की रणनीति बनाने में विपक्ष जुटा हुआ है. इस बार सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस शेडो कैबिनेट का गठन करने जा रही है. यानी जो कांग्रेस विधायक मंत्री रह चुके है उन्हें औऱ अनुभवी विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा. तो आईए आपको बताते है कि कांग्रेस किन विधायकों को शेडो कैबिनेट में शामिल कर सकती है.
गोविंद डोटासरा, हरीश चौधरी, शांति धारीवाल, राजेन्द्र पारीक, जुबेर खान, हरिमोहन शर्मा, हरेन्द्र मिर्धा, रोहित बोहरा, सचिन पायलट, रतन देवासी, दयाराम परमार, अर्जुन बामणिया, रीटा चौधरी, श्रवण कुमार, मुकेश भाकर
दरअसल ब्रिटेन की व्यवस्था की तर्ज पर विपक्ष यह मंत्रिमंडल बनाएगा. जिसमें सत्ता पक्ष के मंत्रियों की तरह विपक्ष के विधायकों को विभाग बांटे जाएगे. ब्रिटेन के अलावा कईं औऱ देशो के सदनों में भी यह व्यवस्था अलग-अलग रुप में लागू है. भारत में भी स्टेट लेवल पर शैडो कैबिनेट की व्यवस्था काफी समय से प्रचलित है. सबसे पहले महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा औऱ शिवसेना ने कांग्रेस सरकार के कामकाज पर निगरानी रखने के लिए इसका गठन किया था.
शेडो केबिनेट में शामिल विधायक को दिए गए विभाग की वो हर डिटेल तथ्यों सहति जुटाएंगे. फिर उसके आधार पर सदन में सरकार से सवाल जवाब करेंगे. पिछली बार भाजपा ने भी विधानसभा में यह प्रयोग अपनाया था. जिसके चलते गहलोत सरकार कईं मुद्दों पर सदन में घिरती नजर आई थी. अब कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए इसका इस्तेमाल करेगी.