जैसलमेर: डेक्कन-ओडिसी, जिसे भारत की ब्लू ट्रेन के रूप में भी जाना जाता है, जैसलमेर पहुंची. कोरोना काल में बंद हुई इस ट्रेन में आज 33 देसी-विदेशी पैसेंजर जैसलमेर आए. जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन और पैसेंजर का राजस्थानी परंपरा से स्वागत किया गया. जैसलमेर के तीन गाइडों ने सभी पैसेंजर को जैसलमेर का भ्रमण करवाया. ये ट्रेन एमटीडीसी (महाराष्ट्र टूरिस्म डेव्लपमेंट कोरपोरेशन) द्वारा एक अमेरिकन कंपनी एबीक्स कैश ट्रेवल्स द्वारा रन करवाया जा रहा है. ये ट्रेन शनिवार के शनिवार सात दिन चलती है. दिल्ली से रवाना होकर आगरा, सवाई माधोपुर, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर और जयपुर के लिए चलती है.
इस ट्रेन को राजस्थान में राजस्थान रूट्स के एमडी राजेंद्र सिंह जोधा का भी सहयोग है. इस शाही ट्रेन में सफर करने का 1 व्यक्ति का किराया 10 से 15 लाख रुपए हैं. जिसमें इनको वो सब शाही सुविधा मिलती है जो एक महल में राजा को मिलती है. इसमें बैठने वाले सैलानी बेहद खुश दिखाई दे रहा है. डेक्कन ओडिसी फेमस पैलेस ऑन व्हील्स की तरह भारत की सबसे शानदार ट्रेनों में से एक है. इस लग्जरी ट्रेन की खास बात ये है कि इसमें आपको 16वीं शताब्दी के राजाओं का जीवन और शाही अंदाज अनुभव करने को मिलेगा. इस ट्रेन का मजा लेने के लिए लोग एक दिन के अंदर एक से एक रॉयल चीजों का आनंद उठा सकते हैं.
ट्रेन के जीएम सिमरपाल सिंह ने बताया कि ट्रेन यात्रा से प्यार करने वालों को जीवन का एक अलग ही अनुभव देती है. इसमें 21 लग्जरी कोच हैं, जिनमें से 11 लग्जरी का इस्तेमाल आवास के रूप में किया जाता है और बचे लाउंज स्पा, फूड्स, कार्यक्रम और अन्य चीजों के लिए किए जाते हैं. लग्जरी सुविधाओं के अलावा, यात्रियों को यहां इंटरनेट, एसी, स्पा, बढ़िया भोजन और बार के साथ काफी कुछ शाही सुविधाएं प्रदान करती है. वही जैसलमेर के टूरिस्ट गाइड गजेंद्र शंकर शर्मा ने बताया कि जैसलमेर पर्यटन के लिए ये बड़ी खुशी कि बात है कि डेक्कन-ओडिसी ट्रेन पहली बार जैसलमेर आई है. सभी पैसेंजर ने जैसलमेर का भ्रमण किया और जैसलमेर की यात्रा को यादगार बताया. सम के रेतीले टीलों पर कैमल राइडिंग, राजस्थानी डांस और डिनर का आनंद लेकर ट्रेन आगे के सफर के लिए रवाना हो जाएगी.