नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को ईद-उल-अजहा का पर्व पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया. बारिश और बूंदाबांदी के बावजूद ऐतिहासिक जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद सहित अन्य मस्जिदों में विशेष नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.
लोगों ने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को बधाईयां दीं और औपचारिक ‘कुर्बानी’ के बाद भोजन भी साझा किया. दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने इस अवसर पर लोगों को ट्विटर के जरिए बधाई दी. उन्होंने कहा, त्याग और बलिदान का पर्व ईद-उल-अजहा की आप सबको दिली मुबारकबाद दुआ है कि यह त्योहार आपकी जिंदगी में खुशी, दिलों में मोहब्बत और मुल्क में अमन लाए.
ईद-उल-जुहा प्रेम और बलिदान का पवित्र त्योहार- मुर्मू
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस अवसर पर लोगों को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सभी देशवासियों को ईद-उल-अज़हा की दिली मुबारक़बाद. यह त्योहार आप सभी के जीवन में ख़ूब तरक़्क़ी लेकर आए, आप हमेशा ख़ुश रहें, स्वस्थ और समृद्ध रहें. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ईद-उल-जुहा की पूर्व संध्या पर बुधवार को देशवासियों को बधाई दी और सभी से समाज में आपसी भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने का संकल्प लेने को कहा.
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संदेश में कहा, ‘‘ईद-उल-जुहा के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को हृदय से बधाई देती हूं, खासतौर पर भारत और देश से बाहर रहने वाले मुस्लिम भाइयों एवं बहनों को. उन्होंने कहा, ‘‘ईद-उल-जुहा प्रेम और बलिदान का पवित्र त्योहार है. यह त्योहार हमें मानवता की नि:स्वार्थ सेवा करने और बलिदान के मार्ग का अनुसरण करने को प्रेरित करता है.
राष्ट्रपति ने कहा, इस दिन हम सभी को समाज में आपसी भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने का संकल्प लेना चाहिए. इस्लामी मान्यता के अनुसार, पैगंबर हज़रत इब्राहिम अपने बेटे हज़रत इस्माइल को इसी दिन अल्लाह के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उनके बेटे इस्माइल को जीवनदान दे दिया. इसी की याद में यह त्योहार मनाया जाता है. सोर्स भाषा