जयपुर: दुनिया में मिसाइल मेन के नाम से विख्यात, भारत को नई दिशा देने वाले ,नई पीढ़ी के प्रेरक और देश के राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की 15 अक्टूबर को जयंती है.नमन सभी करेंगे लेकिन बीजेपी ने खास तैयारी की है.बीजेपी प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन करेगा.मुस्लिम वर्ग की प्रबुद्ध हस्तियों और वीरांगनाओ का सम्मान किया जाएगा.
भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 15 अक्टूबर को जयंती मनाई जाती है.इस दिन को संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से 'विश्व छात्र दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है. यह दिन छात्रों को शिक्षा और विज्ञान के महत्व की प्रेरणा देता है. बीजेपी देश भर में कई कार्यक्रम करेगी. बीजेपी की ओर से डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर आयोजित कार्यक्रमों का मुख्य मकसद बहुआयामी होता है.
इसके पीछे प्रमुख उद्देश्य है:
-डॉ. कलाम के प्रेरणादायी जीवन, उनके वैज्ञानिक योगदान और देश के प्रति उनकी अद्वितीय
-समर्पण भावना को याद करना और लोगों तक उनके आदर्शों को पहुंचाना
-युवाओं, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को नवाचार और उद्यमिता के लिए प्रेरित करना
-विकसित भारत' के राष्ट्रीय लक्ष्य की दिशा में योगदान देने वाले युवा नवप्रवर्तकों और
-उद्यमियों को पहचानना और सम्मानित करना
-युवाओं के बीच राष्ट्रवादी सोच को बढ़ावा देना
-सामाजिक समरसता के तहत पसमंदा स्नेह संवाद कार्यक्रम करना
-डॉ. कलाम को राष्ट्रवादी आइकन के रूप में प्रस्तुत करना, जिन्होंने जाति और धर्म से ऊपर उठकर देश को मजबूत किया
-बीजेपी को मुस्लिम और वंचित वर्गों तक पहुंचाना और उनके उत्थान के लिए कार्य करना
-शहीद परिवारों, समाज के असाधारण प्रतिभाओं या अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित करना
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले प्रतिभा सम्मान समारोह की तैयारियों को बीजेपी मुख्यालय में बैठक हुई.इस अवसर पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हमीद खान मेवाती, भाजपा प्रदेश कार्यालय प्रभारी मुकेश पारीक, पूर्व मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष फिरोज खान,मोर्चा प्रदेश महामंत्री जावेद कुरैशी समेत प्रमुख नेता शामिल हुए. बीजेपी ने तय किया है कि चाहे अशफाक उल्ला खान हो,चाहे हसन खां मेवाती चाहे एपीजे अब्दुल कलाम ऐसे ऐतिहासिक मुस्लिम चेहरों के सम्मान में कार्यकमों का आयोजन करना और मुस्लिम वर्ग के बीच अपनी पैठ बनाना.अटल बिहारी वाजपेई के प्रधानमंत्री काल में ही एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति बने थे.बिहार चुनाव के मद्देनजर कार्यक्रमों का अपना महत्व है.