जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि शिक्षकों का मान-सम्मान बनाए रखना राज्य सरकार का दायित्व है और इसमें कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. गहलोत ने राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) और राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद (प्रधानाचार्य) रेसा-पी की ओर से ‘सत्कार-2023’ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों का मान-सम्मान बनाए रखना राज्य सरकार का दायित्व है. इसमें कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र के विकास और शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई घोषणाएं की गई. गहलोत ने कहा कि राज्य कार्मिकों को बाजार के उतार-चढ़ाव के भरोसे नहीं छोड़ सकते हैं. इसलिए मानवीय दृष्टि से पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) और मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 25 लाख रुपए के प्रावधान सहित निःशुल्क दवा और जांच योजना से हर वर्ग सुरक्षित महसूस कर रहा है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक हर क्षेत्र में राजस्थान को अग्रणी बनाना है औरा इसके लिए राज्य सरकार प्रदेशवासियों के सर्वांगीण विकास की सोच के साथ जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रतिबद्धता से आगे बढ़ा रही है. समारोह में शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह राठौड़, रेसला के प्रदेश अध्यक्ष गिरधारी गोदारा, रेसा-पी के प्रदेश अध्यक्ष दयालाल पाटीदार सहित अन्य पदाधिकारी और शिक्षक उपस्थित रहे. सोर्स- भाषा