VIDEO: मुख्य सचिव ऑफिस की कार्यशैली में अहम बदलाव, 'स्ट्रैटेजिक बदलाव' से CSO की पकड़ मजबूत, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: सीएस ऑफिस की कार्यशैली में उल्लेखनीय और अहम 'स्ट्रैटेजिक बदलाव' आ गया है. सीएस उषा शर्मा के दिशानिर्देशन में ऑफिस की प्लानिंग और मॉनिटरिंग में न सिर्फ ऊबाऊ और अति इंटेलेक्चुअल बिंदुओं के बजाय दिलचस्प, ताजगी भरे और ज्वलंत पहलुओं को शामिल करते हुए बैठकों से लेकर पॉलिसी प्लानिंग की जा रही है. इससे न सिर्फ प्लानिंग एंड मॉनिटरिंग का दायरा बढ़ने के साथ सीएस ऑफिस की पकड़ मजबूत हुई है बल्कि अच्छी मॉनिटरिंग के चलते  'प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन' और 'सर्विस डिलीवरी' में सकारात्मक असर हुआ है. 

विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने में दो माह से कम समय बचा है और एक्सटेंशन के बाद सीएस उषा शर्मा अपनी और अधिक वर्कहॉलिक पारी को एंजॉय कर रही हैं. इस कड़ी में उन्होंने सीएस ऑफिस की कार्यशैली में अहम स्ट्रेटेजिक बदलाव किया है. 

क्या हुआ 'स्ट्रेटेजिक चेंज ' ?
अभी तक सीएस ऑफिस का प्लानिंग व मॉनिटरिंग सेल प्लानिंग और पॉलिसी क्रियान्वयन के लिए वह मीटिंग आयोजित करता था जिसमें वीसी के जरिये कलेक्टर्स को सीएस के जरिये दिशानिर्देश दिए जाएं. 
इसमें कलेक्टर्स के नवाचारों और फ्लैगशिप स्कीम्स की प्रगति की समीक्षा वाली बैठकें भी होतीं थीं. 
बाद में बजट घोषणा क्रियान्वयन और फिर चिन्हित बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की बैठकें हुईं.
अब चुनावी वर्ष में 'मिशन रिपीट' के तहत सरकार को योजना और प्रोग्राम के क्रियान्वयन का आम लोगों पर असर को बताना है. 
ऐसे में सीएस ऑफिस की मॉनिटरिंग की स्ट्रेटेजी भी बदली है .
अब कलेक्टर्स या सचिवों/ प्रमुख सचिवों / एसीएस के साथ मीटिंग्स के एजेंडों में अहम बदलाव किए गए. 
इसके तहत समसामयिक या ज्वलंत मुद्दों को बैठक के प्रमुख एजेंडे में लिया गया.
मसलन-नए जिलों में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सीएस को बैठक देकर निर्देश देने थे लेकिन इसमें नए जिलों का पहला स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाएं, इस विषय को लेकर गाइडलाइन तय की गई. 

किन दिलचस्प,नए इश्यूज को लिया बैठकों में ?
सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक को लेकर एलएसजी को कैसे काम करना है,इसे लेकर बैठक में दिए गए निर्देश.
इसी तरह विजन 2030 के तहत राजस्थान में प्रोग्राम और नीतियों का क्रियान्वयन कैसे हो,इसे लेकर किया मंथन. 
नए जिलों में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर बैठक में 3 दिन बाद के नए जिलों के पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह को कैसे मनाया जाए,इसे लेकर बैठक लेकर गाइडलाइन जारी की गई. 
दो विभागों के अंतर्विभागीय मुद्दों को लेकर सीएस स्तर पर कैसे निपटारा किया जाए,इसे लेकर की गईं बैठकें. 
पीएचईडी और पीडब्ल्यूडी जैसे विभागों के टेंडर से जुड़े मुद्दों को लेकर बैठक लेकर दिए निर्देश. 
पेंडिंग भर्तियों को लेकर प्लानिंग ने बैठक करवाकर करवाई समीक्षा. 
विभागों में डीपीसी बैठकें नियमित करने के जो हैं निर्देश,उसकी क्या प्रगति है इसे लेकर समीक्षा बैठकें जारी. 

क्या हुआ असर ?
समसामयिक मुद्दों पर सीधे दिशानिर्देश के जरिये एक्शन हुआ संभव. 
आम जनता से जुड़ाव की हुई असरदार कोशिश. 
एसी कमरों की ऊबाऊ और अति बौद्धिक बैठकों से कुछ हद तक निजात.
नवाचारों को मिला बढ़ावा,नए आइडियाज और सोच के साथ किया गया काम. 
कोई भी सामयिक मुद्दा चाहे किसी भी विभाग से जुड़ा हो,सीधे सीएस द्वारा टेकअप करने से हरकत में आई ब्यूरोक्रेसी. 
सीधे सीएस द्वारा ही दिशानिर्देश देने या एक्शन से फील्ड में भी आया असर. 
इससे सर्विस डिलीवरी का तंत्र भी हुआ मजबूत.
इसके पीछे सीएस उषा शर्मा का विजन है कि  चुनावी समय में जो किया वह फील्ड में होता हुआ नजर आना चाहिए और साथ ही आम जनता को इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए. इस तरह जब किए कामों की 'माउथ पब्लिसिटी' बढ़ेगी तब ही चुनाव में सरकार के जादू का असर नजर आ सकता है.