लखनऊ: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद पार्टी ने अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में ग्रामीण स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत करने और पहुंच बनाने के लिए 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान शुरू किया है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस महासचिव और उप्र की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा कार्यक्रम के लिए फरवरी माह में राज्य का दौरा कर सकती हैं. पार्टी सूत्रों ने बताया कि हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा अभियान का उद्देश्य जमीनी स्तर पर लोगों को केंद्र सरकार की विफलताओं से अवगत कराना है. राहुल गांधी द्वारा भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपने अनुभव साझा करने वाले एक पत्र के साथ, कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का लक्ष्य अगले दो महीने की अवधि के दौरान पूरे राज्य में लोगों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करने के लिए तहसील, ब्लॉक और गांव स्तर तक प्रचार करना है.
उप्र कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि गणतंत्र दिवस से शुरू इस अभियान का उद्देश्य लोगों को समाज में देखी जा रही नफरत और उप्र की मौजूदा स्थिति से अवगत कराना है. हमने किसानों की आत्महत्या, युवाओं के साथ विश्वासघात और कैसे उनके सपनों को केंद्र और राज्य सरकारों ने तोड़ा है, जैसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ चार्जशीट में कुछ तथ्य प्रस्तुत किये हैं. उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिये राज्य के सभी 849 प्रखंडों के प्रभारियों को अंतिम रूप दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस दौरान कांग्रेस के नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर जनता से संवाद करेंगे.
सिंह ने कहा कि अब हम हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा अभियान के माध्यम से लोगों के कल्याण के मुद्दों पर जनता के पास जाएंगे, जिसमें पूर्व सांसद, विधायक, एमएलसी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता और क्षेत्रीय अध्यक्ष और उप्र कांग्रेस के अध्यक्ष भी शामिल होंगे. सिंह ने कहा कि गांवों में चौपाल और सभा आयोजित कर देश और प्रदेश की भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस अभियान के प्रभारी हरियाणा से राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा एक दो दिन में इसका जायजा लेने लखनऊ आएंगे. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी के मुताबिक कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी प्रांतीय अध्यक्षों ने विस्तार से चर्चा की है.
सिद्दीकी ने कहा कि उप्र के 75 जिलों में पूर्व मंत्रियों, सांसदों, विधायकों को जिला समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है और लोगों को इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का पत्र सौंपा जाएगा. गांधी के इस पत्र में उनकी कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा के दौरान के मीठे और खट्टे अनुभव के साथ-साथ देश और राज्य में बेरोजगारी, महंगाई और भाजपा सरकार के कथित अत्याचारों का भी जिक्र होगा. सिद्दीकी ने कहा कि गांव-गांव में चौपाल लगाकर जनता से चर्चा की जाएगी.
सिद्दीकी ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि सरकार ने महिलाओं के साथ अन्याय किया है तो उनके लिए खुला ऑफर है, प्रियंका गांधी उनके लिए लड़ेंगी और उन्हें उनका हक दिलाएंगी. सिद्दीकी ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के संदेश को प्रदेश मुख्यालय से ब्लॉक स्तर तक ले जाने का लक्ष्य है. जनवरी में दिल्ली से उप्र को पार करने के दौरान राहुल गांधी नीत भारत जोड़ो यात्रा ने हरियाणा में प्रवेश करने से पहले गाजियाबाद, बागपत और शामली की यात्रा की थी.
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल राज्य में बागपत में यात्रा में शामिल हुई थी. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने यात्रा को शुभकामनाएं दी थीं, लेकिन दोनों उसमें शामिल नहीं हुए थे. राज्य में 2017 के विधानसभा चुनाव में सात सीट पर चुनाव जीतने वाली कांग्रेस 2022 के चुनाव में दो सीट पर सिमट गई और अब 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए अपनी जमीन मजबूत करने का प्रयास कर रही है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी की रायबरेली सीट पर ही कांग्रेस पार्टी जीत हासिल कर सकी. यहां तक कि उसके शीर्ष नेता राहुल गांधी भी पिछले आम चुनाव में परिवार की पारंपरिक अमेठी सीट से हार गए थे. (भाषा)