सदी के भीषण संकट के वक्त भी नहीं छोड़ी सुधारों की राह, निवेश की आकर्षक मंजिल बना भारत- PM मोदी

सदी के भीषण संकट के वक्त भी नहीं छोड़ी सुधारों की राह, निवेश की आकर्षक मंजिल बना भारत- PM मोदी

इंदौर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पिछले आठ वर्षों के दौरान राजनीतिक स्थिरता और सतत सुधारों के चलते भारत निवेश की आकर्षक मंजिल बन चुका है और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर निगाह रखने वाले संस्थान तथा ‘‘विश्वसनीय स्वर’’ देश पर अभूतपूर्व भरोसा जता रहे हैं.

मोदी ने मध्यप्रदेश सरकार के इंदौर में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘इन्वेस्ट मध्यप्रदेश’ के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित करते हुए कहा कि देश वर्ष 2014 से ‘रिफॉर्म’ (सुधार), ‘ट्रांसफॉर्म’ (परिवर्तन) और ‘परफॉर्म’ (प्रदर्शन) के रास्ते पर चल रहा है. उन्होंने कोविड-19 के प्रकोप की ओर परोक्ष इशारा करते हुए कहा, ‘‘यहां तक कि सदी में एक बार सामने आने वाले भीषण संकट के दौरान भी हमने सुधारों की राह नहीं छोड़ी. आत्मनिर्भर भारत अभियान ने देश में सुधारों को बड़ी गति दी है. नतीजतन आज भारत निवेश की एक आकर्षक मंजिल बन चुका है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के प्रति निवेशकों का आशावाद सशक्त लोकतंत्र, राजनीतिक स्थिरता और युवा मानव संसाधन की बदौलत प्रदर्शित हो रहा है. उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर निगाह रखने वाले संस्थानों तथा ‘‘विश्वसनीय स्वरों’’ ने भारत पर अभूतपूर्व भरोसा जताया है और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने भी देश को लेकर ऐसा ही आशावाद प्रदर्शित किया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की मजबूत आर्थिक बुनियाद के चलते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) देश को वैश्विक अर्थव्यवस्था के ‘‘उजले बिंदु’’ की तरह देखता है और विश्व बैंक का कहना कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैदा होने वाले विपरीत हालात से निपटने के मामले में भारत कई देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है. मोदी के मुताबिक फिलहाल जी20 की अध्यक्षता कर रहे भारत के बारे में आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने कहा है कि देश इस समूह में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा. उन्होंने कहा कि हाल ही में एक प्रतिष्ठित बैंक को सर्वेक्षण में पता चला कि ज्यादातर निवेशकों ने पूंजी लगाने के लिए भारत को तरजीह दी. मोदी ने यह भी कहा कि भारत में होने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नित नये कीर्तिमान गढ़ रहा है. सोर्स- भाषा