नई दिल्लीः सेमीकंडक्टर का उपयोग दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है. ऑटो से लेकर घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. और आने वाले समय में इसकी उपयोगिता कई गुना बढ़ने वाली है. फिलहाल सेमीकंडक्टर के मामले में भारत देश अभी आयात पर निर्भर है. लेकिन अब सरकार आत्मनिर्भर बनने की राह पर निकल पड़ा है. सरकार चाहती है कि देश में ही बड़े पैमाने पर सेमीकंडक्टर की डिजाइनिंग व विनिर्माण हो. सरकार ने इस लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की शुरुआत की है.
सरकार का ये प्रयास काफी सफल भी होता नजर आ रहा है. योजना के तहत कई कंपनियां ने भारत में सेमीकंडक्टर की डिजाइनिंग व मैन्युफैक्चरिंग का प्लांट लगाने का ऐलान कर चुकी हैं.अब लिस्ट में एक नया नाम जुड़ गया है और वह है कंस्ट्रक्शन व इंजीनियरिंग क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक एलएंडटी का. इससे पहले मेटल-माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी एप्पल समेत कई कंपनियों के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाने वाली ताईवानी कंपनी फॉक्सकॉन, अमेरिकी चिप कंपनी माइक्रॉन भारत में कंपनी लगाने के का मन बना चुकी है.
एलएंडटी को मिली नयी रोशनीः
मिली जानकारी के मुताबिक एलएंडटी एक नई पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी स्थापित करने वाली है. एलएंडटी अपनी इस नई सब्सिडियरी में 830 करोड़ रुपये का निवेश भी करने जा रही है. कंपनी ने साथ ही एक आरएंडटी सेंटर बनाने का भी संकेत दिया है. माना जा रहा है कि कंपनी भारत में प्लांट लगाने के साथ अमेरिका में आरएंडडी सेंटर बना सकती है.
आपको बता दें कि कपंनी इससे पहले ही आईटी एंड इलेक्ट्रोनिक में अपने पैर पसार चुकी है यही कारण है कि उससे सेमीकंडक्टर के कारोबार में काफी मदद मिलेगी. कंपनी शुरुआत में ऑटोमोटिव और इंडस्ट्रियल चिप डिजाइन पर फोकस करने वाली है. कंपनी का फोकस अभी विनिर्माण के बजाय डिजाइन पर रहने वाला है.