जयपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि हम सभी को अपने देश की समृद्ध संस्कृति पर गर्व होना चाहिए और हमारे युवा तथा बच्चे देश की अनमोल विरासत के महत्व को समझें यह बहुत आवश्यक है. प्रदेश के बीकानेर में मुर्मू 14वें राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि हम सबको भारत की संपन्न एवं समृद्ध संस्कृति पर गर्व होना चाहिए. साथ ही हमें अपनी परंपराओं में नए विचारों और नई सोच को स्थान देना चाहिए जिससे हम अपने युवाओं एवं आने वाली पीढ़ियों को भी इन परंपराओं से जोड़ सकें. हमारे युवा और बच्चे देश की अनमोल विरासत के महत्व को समझें यह बहुत आवश्यक है.'
राष्ट्रपति ने कहा कि सच्चे कलाकारों का जीवन तपस्या का उदाहरण होना चाहिए. किसी भी काम को एकाग्रता एवं लगन के साथ कैसे किया जाता है यह सीख हम कलाकारों से ले सकते हैं. खासकर हमारी युवा पीढ़ी को हमारे कलाकारों से बहुत कुछ सीख सकती है. उन्होंने कहा कि परिवर्तन जीवन का नियम है, परिवर्तन होना जरूरी है. कलाओं, परंपराओं व संस्कृति में समय के साथ परिवर्तन आता ही है. कला शैली, रहन सहन का ढंग, वेशभूषा, खान पान सब में समय के साथ साथ बदलाव आना स्वाभाविक है लेकिन कुछ बुनियादी मूल्य व सिद्धांत पीढ़ी दर पीढ़ी आगे चलते रहने चाहिए तभी हम भारतीयता को जीवित रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि गांवों में रहने वाले कलाकारों में भी कला भरी हुई है और ऐसे कलाकारों को प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है.
'उनमें जो महक, जो सुगंध है जो ऊर्जा है वह लोगों को दिखनी चाहिए. क्योंकि आजकल के पढ़े लिखे बच्चे, आज जो हम 21वीं सदी में जी रहे हैं गांव की महक व गांव की सुगंध हम लोगों से दूर होती जा रही है. वहां जो कला निहित्त है उस कला को भी सामने लाया जाना चाहिए. कार्यक्रम को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल व राजस्थान के संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला ने संबोधित किया. राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के 14वें संस्करण के तहत इस नौ दिवसीय महोत्सव का आयोजन बीकानेर के डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में किया जा रहा है. सोर्स- भाषा