जयपुर: राजधानी जयपुर की सड़कों पर अब बहुत जल्द ही CNG बसें चलती नजर आने वाली हैं , जेसीटीएसएल ने 300 नई CNG बसों के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं , मार्च के महीने तक CNG बसों का संचालन जयपुर में शुरू हो सकता है.
जयपुर शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की ख़स्ता हालत अब जल्द ही सुधरने वाली है. जयपुर शहर में पहली बार CNG बसें चलने वाली है. लंबे इंतज़ार के बाद JCTSL प्रबंधन ने 300 नई CNG बसों की ख़रीद के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं. मार्च के महीने तक इन बसों का संचालन शुरू हो सकता है. CNG बसें आने से यात्रियों को बेहतर परिवहन की सुविधा मिल सकेगी तो वहीं शहर में प्रदूषण भी कम हो सकेगा.
अगले साल आने वाली बसों की किल्लत को दूर करने के लिए जेसीटीएसएल 475 नई बसों को लाने की तैयारी कर रहा है. हालही में निगम की ओर से 175 इलेक्ट्रिक बसों की भी खरीद की जा रही है, इन बसों के आने से जयपुर में बसों की संख्या 500 पार हो जाएगी. दरअसल, अगले साल जेसीटीएसएल की 100 बसें कंडम होने जा रही है और वर्तमान में 200 बसें संचालित हो रही है. इसके बाद अगले साल तक सिर्फ 100 ही बसें निगम के पास रह जाएंगी. इस किल्लत को देखते हुए जेसीटीएसएल ने बसों को लाने की प्रक्रिया तेज कर दी है,,वर्तमान में लो-फ्लोर बसों की संख्या करीब 1500 होनी चाहिए. लेकिन शहर में 200 ही बसें चल रही हैं. इसका असर यह है कि यात्रियों को बस स्टॉप पर आधे घंटे में बसें मिल रही हैं. 2013 में जहां 400 बसें संचालित थी, अब घटकर 200 ही रह गई हैं. शहर में महज सौ बड़ी बसें चल रही हैं और सौ मिडी बसें चल रही हैं. 400 बसें होने के कारण शहर में 35 रूटों पर बसों का संचालन किया जाता था, जो अब घटकर 25 रह गया है.
जयपुर शहर में ख़राब पब्लिक ट्रांसपोर्ट का बड़ा कारण यह भी है कि बीते कुछ सालों से नई बसें ख़रीदने की पहल ही नहीं की गई,,, 2020 के बाद से जयपुर शहर के लिए एक भी नई बस की ख़रीद नहीं हुई है,जयपुर की आबादी बढ़ती गई और बसों की संख्या घटती गई यही कारण रहा कि जयपुर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट एक बड़ी समस्या बन गई अब राजधानी में बसों की किल्लत हुई तो अब ऑटो रिक्शा की संख्या बढ़ाई जा रही है. हाल ही परिवहन विभाग हाल ही एलपीजी-सीएनजी ऑटो रिक्शा का स्कोप बढ़ाया. शहर में अब एलपीजी-सीएनजी के 6 हजार ऑटो को परमिट दिए जा रहे हैं. इसके बाद शहर में 35 हजार ऑटो संचालित किए जा सकेंगे.
यह है जेसीटीएसएल बसों की गणित
- 2011 में खरीदी थी 280 बसें 2020 में कंडम हो गई.
- 2013 में खरीदी 120 बसें मार्च 2023 में कंडम हो गई.
- 2016 और 2020 में कुल 200 बसें नई आई जो वर्तमान में संचालित हैं.
- 300 इलेक्ट्रिक बसें आनी हैं, जो अभी तक नहीं आई.
- 200 बसें संचालित हैं वर्तमान में 1.50 लाख यात्री सफर करते हैं.
- 1500 बसें होनी चाहिए आबादी के हिसाब से