जयपुर: राजधानी की सड़क पर बसों में घूमने वाला हो चाहे पैदल चलने वाला, साइकिल सवार हो या फिर दुपहिया या चौपहिया वाहन चालक. सभी लोग अपने गंतव्य तक आसानी से बिना जाम में फंसे कम समय में पहुंच सके, इस उद्देश्य से जेडीए की ओर से कॉम्पिहैंसिव मोबलिटी प्लान का प्रारूप तैयार किया गया है. इस प्लान में किस काम पर कितना खर्च आएगा.
जेडीए की ओर से तैयार किए गए कॉम्प्रिहैंसिव मोबिलिटी प्लान के प्रारूप में दिए गए प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए 42 हजार 427 करोड़ रुपए की दरकार है. इस प्लान में शहर की सड़कों पर यातायात दबाव कम करने के लिहाज से दिए गए प्रस्तावों को तीन चरणों में लागू करना प्रस्तावित किया गया है. आपको बताते हैं कि इस प्लान के प्रारूप में सार्वजनिक परिवहन तंत्र को मजबूत करने के लिए क्या प्रस्ताव दिए गए हैं.
-शहर के कॉम्प्रिहैन्सिव मोबिलिटी प्लान को लेकर बड़ी खबर
-प्लान को धरातल पर उतारने के लिए 42 हजार करोड़ की दरकार
-वर्ष 2055 तक की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया है प्लान
-प्लान में दिए गए प्रस्तावों को उतारना है तीन अलग-अलग चरणों में
-वर्ष 2025-2031 के पहले चरण में 17 हजार 710 करोड़ खर्च करना है प्रस्तावित
-वर्ष 2031-2041के दूसरे चरण में 15हजार 572करोड़ खर्च करना है प्रस्तावित
-वर्ष 2041-2055के तीसरे चरण में 9 हजार 145 करोड़ खर्च करना है प्रस्तावित
ड्राफ्ट प्लान के मुताबिक
-जयपुर मेट्रो के दूसरे,तीसरे व चौथे चरण में मेट्रो चलाना किया है प्रस्तावित
-113.7 किलोमीटर लंबे रूट पर मेट्रो चलाना किया गया है प्रस्तावित
-इन तीनों चरणों की कुल अनुमानित लागत बताई गई है 34 हजार करोड़ रुपए
-3550 इलेक्ट्रिक स्टैण्डर्ड बसें चलाना किया गया है प्रस्तावित
-इन बसों की खरीद की अनुमानित लागत बताई गई है 3 हजार 550 करोड़ रुपए
-इसी तरह 300 इलेक्ट्रिक मिनी व मिडी बसें चलाना किया गया है प्रस्तावित
-इन बसों की खरीद की अनुमानित लागत बताई गई है 90 करोड़ रुपए
-बसों के लिए 10 बस टर्मिनल बनाया जाना है बताया है जरूरी
-इन दस बस टर्मिनलों के निर्माण का खर्चा बताया गया है 500 करोड़ रुपए
-इसी तरह 4 फ्रेट टर्मिनल के निर्माण की भी बताई गई है जरूरत
-इन फ्रेट टर्मिनल की लागत बताई गई है 80 करोड़ रुपए
इस कॉम्प्रिहैसिव मोबिलिटी प्लान में सड़क सुधार प्रोजेक्ट्स,एलिवेटेड व फ्लाईओवर का निर्माण,नॉन मोटराईज्ड इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार,जंक्शन में सुधार और पार्किंग विकसित करने के विभिन्न प्रस्ताव दिए गए हैं. आपको बताते हैं कि इन प्रस्तावों को जमीनी हकीकत में बदलने के लिए कितनी धनराशि की आवश्यकता बताई गई है.
-ड्राफ्ट प्लान के मुताबिक20 लाख 16 हजार वर्गमीटर में आउटर रिंग रोड बनाया जाना है प्रस्तावित
-NHAIकी ओर से आउटर रिंग रोड बनाया जाना है प्रस्तावित
-30 लाख 10 हजार करोड वर्गमीटर में नई सड़कें बनाया जाना है प्रस्तावित
-नई सड़कों के विकास पर 87.7 करोड़ रुपए खर्च होना है अनुमानित
-रेलवे अंडरब्रिज व रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण पर 500 करोड़ खर्च है अनुमानित
-विभिन्न एलिवेटेड रोड/फ्लाईओवर व अंडरपास का निर्माण किया है प्रस्तावित
-इनके निर्माण की अनुमानित लागत 2 हजार 288 करोड़ रुपए की है प्रस्तावित
-ड्राफ्ट प्लान में नॉन मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट पर किया गया है फोकस
-पदयात्रियों व साइकिल चालकों की सुविधाओं का रखा है ध्यान
-94 हजार 800 वर्गमीटर फुटपाथ बनाए जाने की बताई है आवश्यकता
-फुटपाथों के निर्माण पर 19.9 करोड़ रुपए खर्च करना है प्रस्तावित
-1.5 से 2 मीटर चौड़े फुटपाथों का निर्माण किया गया है प्रस्तावित
-नॉन मोटराइज्ड व्हीकल लेन का निर्माण किया गया है प्रस्तावित
-47 हजार 200 वर्गमीटर में ये लेन बनाया जाना किया है प्रस्तावित
-दो से सवा दो मीटर चौड़ी लेन बनाया जाना है प्रस्तावित
-ताकि साइकिल व अन्य नॉन मोटराईज्ड वाहन आसानी से चल सकें
-इस लेन के निर्माण पर 9.9 करोड़ रुपए का खर्च किया है प्रस्तावित
-पदयात्रियों के लिए 11 स्थानों पर किए गए हैं प्रस्तावित
-फुट ओवरब्रिज व अंडरपास किए गए हैं प्रस्तावित
-इनके निर्माण पर 22 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है प्रस्तावित
-पब्लिक बाइक शेयरिंग पर 2.8 करोड़ रुपए और
-विभिन्न जंक्शनों के सुधार पर 25 करोड़ रुपए खर्च होना है अनुमानित
-मल्टीलेवल पार्किंग के निर्माण पर 48 करोड़ रुपए और
-इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और
-स्पिल्ट साइकल एंड ऑफसेट ऑप्टिमाईजेशन टेक्नीक पर होंगे खर्च
-इन पर 50 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है अनुमानित
-इस तकनीक के माध्यम से ट्रैफिक सिग्नल की रखी जा सकेगी अवधि
-सड़क पर यातायात दबाव के लिहाज से रखी जा सकेगी अवधि
-ओटोमैटेड तरीके से सिग्नल की टाइमिंग हो सकेगी तय