जयपुर: इंतहा हो गई इंतजार की...यह चर्चित फिल्मी गीत जेडीए की ओर से निर्माणाधीन सिविल लाइन रेलवे ओवरब्रिज प्रोजेक्ट पर पूरी तरह सटीक बैठता है. इस प्रोजेक्ट का काम तीन साल से भी अधिक समय पहले पूरा हो जाना चाहिए था,लेकिन यह काम अब तक अधूरा है. आखिर प्रोजेक्ट का काम समय पर क्यों नहीं हो पाया पूरा और अब कब तक इसके पूरा होने की क्या है उम्मीद?
राजधानी में सिविल लाइन रेलवे फाटक दिनभर में कई बार बंद होता है. इसके चलते फाटक के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लगती है. इस कतार में फाटक खुलने का इंतजार करने वाले वाहन चालकों को तो लंबा इंतजार करना पड़ता ही है साथ ही दोनों तरफ वाहनों की इन लंबी कतारों के कारण अन्य वाहनों का आवागमन भी अवरुद्ध रहता है. इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण ने जनवरी 2021 में 75 करोड़ रुपए की कुल लागत के इस रेलवे ओवरब्रिज प्रोजेक्ट का काम शुरू किया था. यह प्रोजेक्ट भारी लेटलतीफी का शिकार है. प्रोजेक्ट पूरा करने की डेडलाइन कई बार बदली जा चुकी है. आपको बताते हैं काम शुरू होने के बाद अब तक ई प्रोजेक्ट के क्या हाल रहे हैं.
-जब यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया तब इसको पूरा करने की डेडलाइन जून 2022 थी
-प्रोजेक्ट का काम शुरू होने के कुछ महीने बाद ही अनौपचारिक तौर पर इसका काम बंद करा दिया गया
-इसके पीछे वजह यहां ओवरब्रिज के बजाए अंडरपास बनाने की संभावना तलाशना था
-इसके लिए जेडीए ने रेलवे से भी राय ली, लेकिन रेलवे ने इस संभावना को खारिज कर दिया
-इसी बीच जिस फर्म को यह काम दिया गया था, उसने बीच में ही काम छोड़ दिया
-प्रोजेक्ट के अधूरे काम को पूरा करने के लिए मई 2023 में जेडीए ने दूसरी फर्म शिवम कंडेव को प्रोजेक्ट सौंपा
-प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए डेडलाइन तब अगस्त 2024 तय की गई थी
-इसके बाद काम में देरी होने के चलते फिर डेडलाइन दिसंबर 2024 कर दी गई
-इस डेडलाइन में भी काम पूरा नहीं हुआ तो फिर काम पूरा करने के लिए जून 2025 तक का लक्ष्य रखा गया
-इसके बाद अब जब प्रोजेक्ट अधूरा है तो अब नई डेडलाइन दिसंबर 2025 तय की गई है
इस प्रोजेक्ट की कछुआ चाल को लेकर जेडीए अधिकारियों की ओर से कई कारण बताते जाते हैं. लेकिन इसमें सवाल यह उठता है जो भी कारण जेडीए की ओर से गिनाए जाते हैं तो क्या केवल वही कारण काम में लेटलतीफी के लिए जिम्मेदार हैं. जानकार बताते हैं कि अनुबंधित फर्म की ओर से की जा रही काम में देरी भी प्रोजेक्ट की कछुआ चाल का बड़ा कारण है. आपको बताते हैं प्रोजेक्ट का अब तक कितना काम अधूरा है और इसके अब तक अधूरा रहने के क्या कारण है.
-प्रोजेक्ट से जुड़े जेडीए अभियंताओं के अनुसार
-रेलवे ओवरब्रिज की रिटेनिंग वॉल में पेयजल लाइन की शिफ्टिंग में समय लगने के कारण काम में देरी हुई
-बीसलपुर लाइन के कारण पियर की डिजाइन को बदलना पड़ा
-रेलवे लाइन के हिस्से में नौ स्टील के गर्डर डाले जाने हैं
-गर्डर की डिजाइन पर रेलवे की स्वीकृति मिलने में समय लग गया
-सर्विस रोड के लिए पूरी भूमि उपलब्ध नहीं हो पाई है
-ओवरब्रिज की कुल 17 में से 11 स्लैब डाली जा चुकी हैं
-18 में से 1 पियर का काम बचा हुआ है
-अब भी रेलवे ओवरब्रिज का करीब तीस फीसदी काम बाकी है
-जानकारों के अनुसार काम पूरा नहीं होने के बीच एक बड़ा कारण फर्म की ओर से देर से काम किया जाना भी है
-इसी के चलते जेडीए इस फर्म पर अब तक 1 करोड़ 7 लाख रुपए का जुर्माना लगा चुका है