जयपुर: जेडीए की ओर से जारी किए जाने पट्टों के पंजीयन को लेकर नई व्यवस्था शुरू की गई है. इस व्यवस्था के लिए भूखंडधारी को पट्टे के पंजीयन के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. ये नई व्यवस्था क्या है? और इस व्यवस्था के क्या फायदे होंगे?
जेडीए की ओर से इस वर्ष एक अप्रेल सभी भूखंडों के ई पट्टे जारी करने की व्यवस्था शुरू की है. इस ई पट्टे में जेडीए अधिकारियों, आवेदक और गवाहों के ई इस्ताक्षर किए जाते हैं. इस पट्टे के प्रारूप में कुछ भी मैन्युअली नहीं भरा जाता है. दूसरी तरफ जेडीए पोर्टल और पंजीयन विभाग के ई पंजीयन पोर्टल का आपस में इंटीग्रेशन किया जा चुका है. इस इंटीग्रेशन के बाद अब जेडीए की ओर से जारी ई पट्टों के पंजीयन के लिए नई व्यवस्था शुरू कर दी गई है. आपको बताते हैं यह नई व्यवस्था क्या है?
-भूखंडों के जेडीए की ओर से जारी पट्टों का राज्य सरकार के पंजीयन विभाग में पंजीयन कराना अनिवार्य है
-निर्धारित अवधि में पट्टे का पंजीयन नहीं कराने पर कानूनी तौर पर पट्टे की वैधता खत्म हो जाती है
-जेडीए की ओर से पट्टा जारी होने के बाद भूखंडधारी उप पंजीयक कार्यालय में जाकर पट्टे का पंजीयन कराते हैं
-जेडीए की ओर से शुरू की गई नई व्यवस्था के तहत अब जारी ई पट्टा सीधे ही ई पंजीयन पोर्टल पर चला जाएगा
-ऑटोमैटेड तरीके से ई पट्टा जेडीए पोर्टल से ई पंजीयन पोर्टल पर चला जाएगा
-इसके बाद भूखंडधारी उप पंजीयन कार्यालय से पंजीकृत ई पट्टे का प्रिंट आउट ले सकेंगे
-इस व्यवस्था में यह भी विकल्प है कि भूखंडधारी चाहे तो जेडीए से पहले की तरह पट्टा प्राप्त कर सकेंगे
-और जारी पट्टे को खुद उप पंजीयन कार्यालय ले जाकर उसे पंजीकृत करा सकेंगे
जेडीए की ओर से जारी ई पट्टे का ऑटोमैटेड तरीके से पंजीयन के लिए ई पंजीयन पोर्टल पर दर्ज होने की इस नई व्यवस्था के कई फायदे हैं. आपको इस नई व्यवस्था के फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.
-नई व्यवस्था में पट्टे के पंजीयन के लिए भूखंडधारी को उप पंजीयन कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे
-ई पंजीयन पोर्टल पर दर्ज पट्टे के लिए भूखंडधारी को महज शुल्क जमा कराना होगा
-इसके बाद पंजीकृत पट्टे का प्रिंट आउट भूखंडधारी को मिल जाएगा
-जेडीए का फर्जी पट्टा बनाकर उसे पंजीकृत कराकर उसके माध्यम से की जाने वाली धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा
-जेडीए और पंजीयन विभाग दोनों को यह जानकारी होगी कि किस कॉलोनी का कितने पट्टे पंजीकृत किए जा चुके हैं
-फर्जी पट्टा पंजीयन के लिए आएगा तो उसका पता चल सकेगा