अवैध निर्माण व अतिक्रमण की शिकायतों को लेकर जेडीए लापरवाह, शिकायतों पर नहीं हो रही है समयबद्ध कार्यवाही

जयपुरः अवैध निर्माण और अतिक्रमण की शिकायतों को लेकर जेडीए की प्रवर्तन शाखा के अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं. यहीं कारण है कि मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन की ओर से बार-बार निर्देशों के बावजूद लापरवाही का आलम कायम है. क्या है पूरा मामला जानने के लिए देखें फर्स्ट इंडिया न्यूज की ये खास रिपोर्ट--

जेडीए स्वामित्व की भूमि पर अवैध कब्जा हटाने,आवासीय इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने,अवैध कॉलोनियां बसाने के प्रयास को विफल करना,पार्क या सुविधा क्षेत्र की भूमि पर अतिक्रमण रोकना और अवैध फ्लैट्स व विलाज के निर्माण के खिलाफ पुरजोर कार्रवाई करना जेडीए की प्रवर्तन शाखा का मुख्य दायित्व है. लेकिन इस दायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरती जा रही है. प्रवर्तन शाखा में शिकायतों पर समयबद्ध तरीके से ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है.

-जेडीए की भूमि पर कब्जे,आवासीय कॉलोनी में व्यावसायिक गतिविधियां करने,अवैध कॉलोनी काटने,पार्क सुविधा क्षेत्र की जमीन पर कब्जे,

-अवैध फ्लैट्स,डुप्लेक्स,विलाज बनाने और अवैध निर्माण  की जेडीए की प्रवर्तन शाखा को निरंतर शिकायतें मिल रही हैं

-लेकिन इन शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण नहीं किया जा रहा है

-इसके चलते पीड़ित या शिकायत करने वाले लोग सीधे जेडीए आयुक्त और मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन के पास जाकर गुहार लगाने को मजबूर हैं

-इन शिकायतों में प्रवर्तन अधिकारियों की ओर से नोटिस तो दिए जाते हैं,लेकिन उनमें आगे की कार्यवाही में लापरवाही बरती जाती है

-नतीजन अवैध निर्माण करने वाले और सरकारी भूमि पर कब्जा करने वाले भूमाफिया के हौसले बुलंद रहते हैं

अवैध निर्माण और अतिक्रमण आदि मामलों पर त्वरित कार्यवाही के लिए मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन महेन्द्र शर्मा की ओर से कई बार निर्देश दिए गए हैं. इसके बावजूद लापरवाही की आलम जारी है. इसके चलते मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन महेन्द्र शर्मा ने एक बार फिर प्राप्त शिकायतों पर तत्काल और समयबद्ध कार्यवाही करने की प्रवर्तन अधिकारियों और उप नियंत्रकों को हिदायत दी है. आपको बताते हैं कि मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन महेन्द्र शर्मा की ओर से उप नियंत्रक प्रवर्तन और प्रवर्तन अधिकारियों को क्या निर्देश दिए गए हैं-

-उच्च स्तर से प्राप्त शिकायत और परिवादों पर तत्काल तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी जाए

-अवैध निर्माण या अतिक्रमण के मामले में नोटिस जारी कर अवैध निर्माण रोकने के लिए पाबंद किया जाए

-निर्धारित समय में संबंधित से नोटिस का जवाब लेकर उसका परीक्षण कराया जाए

-नोटिस का जवाब असंतोषप्रद होने पर भी मौके पर अवैध निर्माण होने पर सीलिंग या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाए

-जेडीए स्वामित्व व सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों के मामलों में जीरो टोलरेंस की नीति के तहत अविलंब कार्यवाही की जाए

-बेशकीमती सरकारी जमीनों पर सतत निगरानी रखते हुए उस पर अवैध कब्जे नहीं होने दिए जाएं

-सरकारी भूमि पर बार-बार कब्जे करने वाले भूमाफिया के खिलाफ पुलिस में नामजद एफआईआर दर्ज कराई जाए