जयपुरः जयपुर विकास प्राधिकरण के रीजन में दुगुनी बढ़ोतरी के चलते दस रीजनल कार्यालयों का गठन किया जाना है. इन कार्यालयों के लिए जेडीए ने जमीन तलाशना भी शुरू कर दिया है. क्या है पूरा मामला?
जेडीए के रीजन को मौजूदा तीन हजार वर्ग किलोमीटर से दुगुना बढ़ाकर छह हजार वर्ग किलोमीटर किया जाना है. इसकी मंजूरी के लिए जेडीए ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा था. क्षेत्राधिकार में बढ़ोतरी के बाद कैडर स्ट्रेन्थ बढ़ाने और दस नए रीजनल कार्यालय स्थापित किए जाने का प्रस्ताव भी बाद में राज्य सरकार को भेजा गया. आपको सबसे पहले बताते हैं कि दस रीजनल कार्यालय किस तरह काम करेंगे.
-जेडीए के रीजन में दुगुनी बढ़ोतरी होने से दूरदराज के इलाकों के लोगों को जेडीए से संबंधित कार्य के निस्तारण में परेशानी नहीं हो
-इसके लिए जेडीए की ओर से राज्य सरकार को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार जेडीए के दस रीजनल ऑफिस स्थापित किए जाएंगे
-हर रीजनल ऑफिस के अधीन दो से पांच प्रशासनिक जोन कार्यालय होंगे
-जेडीए के प्रस्ताव के अनुसार 11 नए जोन भी गठित किए जाएंगे
-ये रीजनल ऑफिस जेडीए रीजन के विभिन्न इलाकों में स्थापित किए जाएंगे
-इसमें यह ध्यान रखा जाएगा कि आमजन को नजदीक ही जेडीए का रीजनल ऑफिस उपलब्ध हो
-विभिन्न कार्यों के लिए लोगों को जेडीए मुख्यालय तक आना नहीं पड़े
-इस रीजनल ऑफिस की कमान अतिरिक्त आयुक्त को दी जाएगी
-जेडीए की ओर से भेजे प्रस्ताव के अनुसार अतिरिक्त आयुक्त के के पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ वेतन श्रृंखला के अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा
-इसके अलावा राजस्थान प्रशासनिक सेवा के सुपर टाईम या हायर सुपर टाईम वेतन श्रृंखला के अधिकारी को भी इस पद पर लगाया जा सकेगा
-अगर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी इस पद पर पदस्थापित होते हैं तो
-उन्हें क्षेत्रीय अधिकारी के तौर पर एक निश्चित स्तर तक प्रशासनिक व वित्तीय शक्तियां प्रदान की जाएगी
-इसके पीछे उद्देश्य यही है कि आमजन से जुड़े कार्य क्षेत्रीय स्तर पर ही संपादित किए जाएं
-जेडीए की सक्षम समितियों व कार्यों जैसे 90ए,ले आउट प्लान अनुमोदन,
-बिल्डिंग प्लान अनुमोदन आदि की शक्तियां भी निर्धारित स्तर पर इन रीजनल ऑफिस को दी जाएगी
-इसके लिए इन रीजनल ऑफिस में अतिरिक्त मुख्य अभियंता,अधीक्षण अभियंता,अधिशासी अभियंता,
-अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक,वरिष्ठ नगर नियोजक व उप नगर नियोजक स्तर के अधिकारियों का पदस्थापन किया जाएगा
-अतिक्रमण व अवैध निर्माण संबंधी प्रकरणों में कार्रवाई के लिए उप नियंत्रक प्रवर्तन व प्रवर्तन अधिकारी,
-कानूनी वाद-विवाद के निस्तारण के लिए उप निदेशक विधि और
-लेखा संबंधी कार्यालयों के लिए लेखाधिकारी प्रथम स्तर तक के अधिकारियों का रीजनल ऑफिस में पदस्थापन किया जाएगा
इन रीजनल कार्यालयों के लिए जेडीए की ओर से भूमि चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है. दस रीजनल कार्यालयों को नंबर एक से लेकर दस तक दिए गए हैं. जेडीए की मंशा है कि इन कार्यालयों के लिए भूमि चिन्हित पहले कर ली जाए, ताकि जब राज्य सरकार से मंजूरी आ जाए तो तुरंत कार्यालयों के भवनों का निर्माण शुरू हो सके. आपको बताते हैं कि इन रीजनल कार्यालयों के लिए शहर में कहां-कहां भूमि तलाशने की कवायद की जा रही है.
-रीजनल कार्यालय नंबर 1 से 5 तक पांचों कार्यालय जेडीए के मौजूदा परिसर में ही स्थापित होंगे
-रीजनल कार्यालय नंबर 6 से 10 जेडीए परिसर के बाहर होंगे स्थापित
-रीजनल कार्यालय नंबर 6 के लिए हरमाड़ा,लोहा मंडी या ट्रांसपोर्ट नगर में भूमि तलाशी जाएगी
-रीजनल कार्यालय नंबर 7 के लिए करधनी विस्तार योजना में भूमि तलाशी जाएगी
-रीजनल कार्यालय नंबर 8 के लिए बगरू में भूमि चिन्हित जाएगी
-रीजनल कार्यालय नंबर 9 के लिए काटावाला में भूमि चिन्हित की जाएगी
-रीजनल कार्यालय नंबर 10 के लिए कानोता या कल्पना नगर में भूमि चिन्हित की जाएगी
-रीजनल कार्यालय के लिए भूमि कौनसी चिन्हित की जाए,इसको लेकर जेडीए ने मापदंड तय किए हैं
-इसके अनुसार रीजनल कार्यालय के लिए न्यूनतम एक हेक्टेयर भूमि चिन्हित की जाएगी
-चयनित भूखंड के दोनों तरफ सड़क होनी चाहिए
-चयनित भूखंड न्यूनतम 18 मीटर चौड़ी सड़क पर उपलब्ध होना चाहिए
-इस भूखंड तक राष्ट्रीय राजमार्ग या राज्य राजमार्ग से सुगम पहुंच मार्ग होना चाहिए.