नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जाएंगे. जेपी नड्डा ने कहा कि 500 साल के संघर्ष के बाद हमें यह सौभाग्य प्राप्त हो रहा. राम मंदिर का भव्य निर्माण होते देखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा. मैं प्राण प्रतिष्ठा के बाद जल्द परिवार के साथ दर्शन के लिए अयोध्या जाऊंगा. 22 जनवरी को दिल्ली के झंडेवालान मंदिर से कार्यक्रम का साक्षी बनूंगा.
22 जनवरी को अयोध्या नहीं जाएंगे जेपी नड्डा
— First India News (@1stIndiaNews) January 20, 2024
कहा-"500 साल के संघर्ष के बाद हमें यह सौभाग्य प्राप्त हो रहा, राम मंदिर का भव्य निर्माण होते देखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा, मैं प्राण प्रतिष्ठा के बाद जल्द परिवार...#FirstIndiaNews #RamMandir #Ayodhya #RamMandirPranPratishta pic.twitter.com/e22kEywPog
आपको बता दें कि राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का बयान सामने आया है. मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जहां नई मूर्ति है वहीं प्राण प्रतिष्ठा के नियम हो रहे हैं. अभी शरीर को कपड़े से ढक दिया गया है. जो आंख खुली हुई मूर्ति दिखाई गई वो सही नहीं है. प्राण प्रतिष्ठा से पहले नेत्र नहीं खुलेंगे. यदि ऐसी तस्वीर आ रही है तो इसकी जांच होगी कि ऐसा किसने किया है.
रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या जाएंगे. पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे. पीएम मोदी दोपहर 1 बजे सार्वजनिक कार्यक्रम में जाएंगे. दोपहर 2ः15 बजे शिव मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे. आपको बता दें कि 500 साल बाद रामलला अपने मंदिर में लौट रहे है. आज रामलला अपने अस्थायी टेंट से मुख्य मंदिर में प्रवेश करेंगे. प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या में सुरक्षा चाक चौबंद होगी.
यूपी पुलिस की तरफ से 3 DIG और 17 IPS की तैनाती होगी. 100 PPS स्तर के अधिकारी अयोध्या में तैनात किए गए. 325 इंस्पेक्टर, 800 सब इंस्पेक्टर और एक हजार से अधिक कांस्टेबल भी तैनात किए गए. आपको बता दें कि राम आ रहे हैं. भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. अब पूरी दुनिया को उस क्षण का बेसब्री से इंतजार है. इस बीच दुनिया भर से श्री राम मंदिर के लिए उपहार आ रहे है. अफगानिस्तान से भी उपहार मिल चुका है. मशहूर काबुल (कुभा) नदी का जल अभिषेक के लिए मिला है.
आपको बता दें कि श्रीराम मंदिर के लिए अफगानिस्तान से खास तोहफा मिला है. भगवान राम के अभिषेक के लिए काबुल नदी का जल भेजा है. विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार का बयान सामने आया है. कश्मीर से मुस्लिम भाई-बहन मुझसे मिलने आए. सभी ने राम मंदिर निर्माण को लेकर खुशी जताई और कहा कि भले ही हम अलग-अलग धर्मों को मानते हैं, लेकिन हमारे पूर्वज एक ही है. उन्होंने जैविक रूप से उत्पादित 2 किलो शुद्ध केसर सौंपा.