किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री गहलोत के परिवार पर धन शोधन में लिप्त होने का लगाया आरोप

जयपुर: भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के परिवार के सदस्य एक मुखौटा (शेल) कंपनी के जरिये धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) में लिप्त हैं. मीणा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि उनके पास गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और पुत्रवधू से जुड़े काले धन के लेन-देन के सबूत हैं, जिन्हें वे शुक्रवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपेंगे. उन्होंने दावा किया कि जांच से सामने आएगा कि गहलोत देश के सबसे अमीर राजनेता हैं.

भाजपा नेता ने दावा कि राजस्‍थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष वैभव गहलोत और उनकी पत्नी के द्वारा 'बेनामी व्यवसाय' किया जा रहा है जिनमें पांच सितारा कई होटल शामिल हैं और ऐसे व्यवसाय से अर्जित धन राशि को एक डमी कंपनी में स्थानांतरित किया जा रहा है.' इन आरोपों पर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत के बेटे ने मॉरीशस में सूचीबद्ध एक कंपनी के माध्यम से सेवा क्षेत्र की उस कंपनी में 96.75 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो जयपुर में एक होटल चलाती है. मीणा ने आरोप लगाया कि शेल कंपनी का इस्तेमाल गहलोत परिवार के काले धन को सफेद धन में बदलने के लिए किया जा रहा है. मीणा के अनुसार इन दोनों कंपनियों का गठन वर्ष 2007 में किया गया था. भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मीणा ने दावा किया,‘‘शेल कंपनी की जयपुर स्थित होटल में पहले द‍िन से ही 50 प्रतिशत हिस्‍सेदारी रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह कंपनी कोई 'वास्तविक निवेशक' नहीं है और गहलोत परिवार की हिस्सेदारी रखने के लिए बनाई गई एक शेल व डमी कंपनी है.’’ 

उन्होंने यह भी दावा किया कि जयपुर स्थित होटल के निर्माण की स्वीकृति गहलोत शासन के दौरान 2009 में जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा दी गई थी. मीणा ने यह भी आरोप लगाया कि शेल कंपनी में लंदन के एक प्रवासी (एनआरआई) चिकित्सक ने 100 करोड़ रुपये का निवेश किया था. उन्होंने कहा कि जोधपुर के रहने वाले चिकित्सक गहलोत के करीबी हैं. उन्होंने चिकित्सक के नाम का खुलासा नहीं किया और कहा कि वह इस तरह के सभी सबूत शुक्रवार को ईडी को उपलब्ध कराएंगे. मीणा ने यह भी आरोप लगाया कि उदयपुर में उस होटल के निर्माण की अनुमति देते समय अनियमितताएं बरती गईं, जहां पिछले साल कांग्रेस ने अपना 'चिंतन शिविर' आयोजित किया था. उन्होंने कहा कि इसी तरह, माउंट आबू में एक होटल में 40 कमरों का निर्माण कर लिया गया जबकि यह क्षेत्र 'इको-सेंसेट‍िव' जोन है. सांसद ने दावा किया कि उक्त संपत्तियां भी गहलोत के करीबी लोगों की हैं. सोर्स- भाषा