भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता गोविंद सिंह ने शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया और बजट सत्र के दौरान मिश्रा पर सदन में नियम पुस्तिका उन पर फेंकने का आरोप लगाया. बजट सत्र को 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
विपक्षी विधायक जीतू पटवारी के निलंबन को लेकर शुक्रवार को सत्ता पक्ष भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच आमना सामना हुआ. बाद में कांग्रेस विधायक एवं विपक्ष के नेता गोविंद सिंह ने विधानसभा के प्रमुख सचिव को आवेदन देकर नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. मिश्रा ने इस आरोप का खंडन किया कि उन्होंने सिंह पर किताब फेंकी. गोविंद सिंह ने आवेदन में कहा कि मेरे नेतृत्व में कांग्रेस के एक सदस्य ने माननीय अध्यक्ष (गिरीश गौतम) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की मांग की. इस बीच, मिश्रा ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और गुस्से में आकर विधानसभा की कार्यवाही और नियमों की किताब मुझ पर फेंक दी जो मुझ पर गिरी.
मैं सदन में खेद व्यक्त कर चुका हूं:
उन्होंने भाजपा नेता के आचरण को ‘ असंसदीय’ बताया और कहा कि इस तरह से ‘ एलओपी पर हमला अत्यंत अपमानजनक था. मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा कि विधानसभा का एक कर्मचारी सामने आ गया था और जब मैं उसे हाथ से हटाने के लिए उठा, तो मेरे हाथ में जो किताब थी वह छूट गयी. मंत्री ने कहा कि उन्होंने (गोविंद सिंह) कहा कि मैंने इसे फेंक दिया तो उसके लिए मैं सदन में खेद व्यक्त कर चुका हूं. आपके सामने भी कर रहा हूं. लेकिन जिन्होंने किताब फाड़ी है उसके फुटेज में आपको दूंगा. वही पुस्तक फाड़ के उन्होंने लहराई है और उसके पन्नें उड़ाएं हैं. जिस तरह की नियम प्रक्रिया की शब्दावली अपमान किया है. उन्होंने तो खेद व्यक्त नहीं किया, उन्होंने तो माफी नहीं मांगी.
अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति जाननी चाही:
विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि प्रक्रिया के मुताबिक प्रमुख सचिव विशेषाधिकार प्रस्ताव नोटिस की जांच करेंगे और विधानसभा अध्यक्ष को भेजेंगे. इसके बाद अध्यक्ष तय करेंगे कि इसे विशेषाधिकार समिति को भेजा जाए या नहीं. उन्होंने कहा कि आमतौर पर यह विशेषाधिकार समिति के पास जाती है जो दोनों पक्षों को सुनती है और सिफारिश करती है. इससे पहले, सुबह कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ उनकी पार्टी द्वारा दिये गये अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति जाननी चाही.
विजय लक्ष्मी साधौ के साथ आसन के पास आ गए:
मिश्रा ने कहा कि पटवारी के निलंबन के प्रस्ताव को उन्होंने ही पेश किया था और ध्वनिमत से पारित होने के बाद अध्यक्ष ने नियमों के अनुसार काम किया. कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा और कुणाल चौधरी ने कहा कि गौतम को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के कारण कार्यवाही का हिस्सा बनने से बचना चाहिए. इस बीच, मिश्रा ने सदन चलाने के नियमों का विवरण देते हुए एक पुस्तक फेंकी, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया, विपक्षी विधायक विजय लक्ष्मी साधौ के साथ आसन के पास आ गए.
13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया:
इसके बाद सदन को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया, और इसके फिर से शुरू होने पर कांग्रेस विधायकों ने अपना दावा जारी रखा कि मिश्रा नियम पुस्तिका को विपक्ष के नेता की ओर फेंक कर संविधान और उसके निर्माता बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर का अपमान कर रहे हैं. सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायक बजट सत्र को कम करने के लिए तय नीति के तहत इस तरह से काम कर रहे हैं. उन्होंने मिश्रा के निलंबन की मांग की. इसके साथ ही कई कांग्रेस विधायक गर्भगृह में आ गए और उनमें से एक ने किताब भी फाड़ दी. हंगामे के बीच गौतम में दिन के लिए सूचीबद्ध कार्य पूरे किए और सदन को 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया. सोर्स-भाषा