जोधपुर: राजस्थान के दूसरे बड़े जिले जोधपुर में कडाके की ठंड पडने के साथ ही अब क्रिसमस में कुछ दिनो का समय शेष रह चुका है ऐसे में क्रिसमस को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. क्रिसमस के दिन को खास बनाने के लिए रेस्टोरेंट, स्कूलों में खास तरीके से सजाया जा रहा है. चर्च व घरों में सजावट का काम चल रहे हैं. इसके साथ ही क्रिसमस की सबसे खास चीज केक है जिसे लेकर जोधपुर की विभिन्न होटलो,रिसोर्ट और स्कूलों तक में होने वाले कार्यक्रमों को लेकर विशेष रूप से केक बनाए जाने के ऑर्डर भी दिए जा रहे है. क्रिसमस को लेकर शहर के होटल सज चुके हैं साथ ही गिरजा घरों में कार्यक्रम शुरू हो चुके हैं खास तरह के केक को काटकर जश्न मनाने के बाद इसे बांटने की परंपरा है.
बदलते समय के साथ अब लोग बेकरी से ज्यादा ऐसे केक को पसंद कर रहे है जो न केवल टेस्ट में बेहतर हो बल्कि अपने आप में एक क्रिएटिविटी के साथ तैयार किए गए हो. इसको लेकर बात करे तो जोधपुर ही नही बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक होम केक मेकिंग के रूप में पहचान बना चुकी रश्मि जैन की माने तो खासतौर से क्रिसमस को ध्यान में रखते हुए केक बनाए हैं. इस केक में सेंटा, क्रिसमस ट्री शेप का ब्राउनी, बैल के प्रतीकात्मक बनाकर खूबसूरत बनाए हैं जिसे देखते ही बच्चे क्या हर उम्र के लोग दीवाने हो रहे हैं. इसके के लगातार आर्डर आ रहे हैं. चीज केक आज बहुत ट्रेंडिंग में चल रहे है. आपको बता दे कि क्रिसमस के दिन केक इसलिए काटा जाता है क्योंकि ईसाई धर्म का उदय ब्रिटिश से हुआ था विदेशों में मिठाई का चलन नहीं होने के चलते वहां पर केक को ही हर खुशी में शामिल किया जाता है. छोटे बड़े सेलिब्रेशन में केक काटा जाता है बर्थडे को सेलिब्रेट करने के लिए जिसके चलते दुनिया में प्रचलित हो गया और इसको बढ़ावा मिलता गया और हर कोई इस को फॉलो कर रहे हैं ऐसी कोई मान्यता नहीं है कि के काटने से ही जीसस का बर्थडे सेलिब्रेट किया जा सकता है.
चाहे क्रिसमस हो,न्यू ईयर हो, शादियों की सीजन हो या फिर अन्य कई तरह के आयोजन जो कि बिना कैक के अधूरे है ऐसे आयोजनों के लिए विशेष रूप से आकर्षक केक बनाने के लिए रश्मि जैन ने अपनी पहचान बनाई है वही नतीजा है कि चाहे दुबई हो,अमेरिका या फिर लंदन जगह-जगह उनकी केक की तारीफ होती है और वहां से भारतीय परिवार से जुड़ी बच्चियां और महिलाएं इनसे ट्रेनिंग लेने के लिए भी आती है. साथ ही रश्मि जैन ने जब इस कार्य की शुरुआत की तब से लगातार उनका परिवार भी इस कार्य में जुडता गया और आज उनकी बहन सीमा जैन से लेकर उनकी परिवार से जुड़े हर सदस्य उनका इस कार्य में हाथ बंटा रहे है.