VIDEO: बड़े अस्पतालों में "मुखिया" लगाने से पहले खुला संवाद ! चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति के लिए शुरू की कवायद, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस समेत 25 से अधिक अस्पताल में नए "मुखिया" लगाने के लिए अब चिकित्सा शिक्षा विभाग ने "संवाद" का नया रास्ता निकाला है. चयन की निर्धारित प्रक्रिया में आवेदन नहीं आते देख खुद चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने योग्यता पूरी करने वाले 300 से अधिक चिकित्सक शिक्षकों को सूचीबद्ध किया, जिसके साथ आज करीब तीन घंटे तक खुला संवाद करके आवेदन नहीं करने के पीछे की वजह जानने का प्रयास किया गया. इस दौरान चिकित्सकों में विश्वास कायम करने के लिए भी कई सुझाव दिए गए.

राजस्थान के छह मेडिकल कॉलेजों से अटैच 25 से अधिक अस्पतालों में नए अधीक्षक के लिए दो बार आवेदन मांगे जा चुके है. लेकिन उसमें अधिकांश जगह के लिए काफी कम ऑप्शन आए. कुछ अस्पताल तो ऐसे थे, जहां के लिए चयन समिति को दो-दो चिकित्सकों के नाम भी ऑप्शन के रूप में नहीं मिले. ऐसे में कम ऑप्शन होने के चलते अभी तक अधिकांश अस्पतालों में योग्य चिकित्सकों को जिम्मेदारी नहीं दी जा सकी है. पिछले दिनों हाईलेवल तक ये मामला पहुंचा, जहां से मिले निर्देशों की पालना में अब चिकित्सक शिक्षकों में विश्वास पैदा करने के लिए संवाद का रास्ता निकाला गया है. इसी क्रम में आज चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार योग्यता पूरी करने वाले 300 से अधिक चिकित्सकों से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने चिकित्सकों से हर पहलू पर चर्चा की, साथ ही ये भी जानने का प्रयास किया कि आखिर चिकित्सक प्रशासनिक पदों पर लगने के प्रति इच्छा क्यों नहीं जाहिर कर रहे है. आइए आपको बताते है संवाद में किसी तरह की बिन्दु निकलकर सामने आए.

अस्पतालों में प्रशासक के प्रस्ताव पर चिकित्सकों का एक स्वर में "ना"
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति के लिए शुरू की कवायद
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने योग्य चिकित्सकों को सूचीबद्ध कर किया संवाद
SMS मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित संवाद कार्यक्रम में रखा गया प्रस्ताव
हर मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य के साथ एक प्रशासनिक अधिकारी लगाने का प्रस्ताव
तो सभी चिकित्सकों ने एक स्वर में जताई आपत्ति, कहां प्राचार्य अपने आप में "कैपेबल"
रोजमर्रा के कामकाज में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय बैठाना काफी मुश्किल
ऐसे में सचिव ने साफ कहा कि फिर रोजमर्रा के रूटिन कामकाज की लेनी होगी जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि क्या सीवर,गंदगी और सुरक्षा जैसे काम की आप लेना चाहेंगे जिम्मेदारी ?
ये सुनकर एकबारगी एक दूसरे के चेहरे तांकते नजर आए वरिष्ठ चिकित्सक

"एप्रोच" के आगे योग्यता गौण !
बडे़ अस्पतालों में प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति के लिए जारी कवायद से जुड़ी खबर
बैठक में जैसे ही चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने कम आवेदन का किया जिक्र
तो एक वरिष्ठ चिकित्सक ने व्यवस्था पर ही सवाल उठाते हुए अपनी पीड़ा की व्यक्त
उन्होंने कहा कि एप्रोच से ही प्राचार्य और अधीक्षक लगाने की परम्परा चल रही है
इसी वजह से योग्यता के मापदण्ड पूरे करने वाले कई चिकित्सक नहीं कर सके आवेदन
हालांकि, अतिरिक्त प्राचार्य डॉ आरके जैन ने इस कमेंट पर चिकित्सक को तत्काल टोका
साथ ही कहा कि जिस मंशा से संवाद कार्यक्रम रखा गया है, उसे बनाए रखा जाए
फिर भी किसी को दिक्कत है तो वो व्यक्तिगत मिलकर अपनी बात कह सकता है

काम के लिए मिले "समय", "प्रेशर" से रखा जाए मुक्त
बडे़ अस्पतालों में प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति के लिए जारी कवायद से जुड़ी खबर
बैठक में चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने कई चिकित्सकों ये किया वन-टू-वन
तो उन्होंने बताया कि अस्पतालों में किसी भी टॉस्क के लिए दिया जाए समय
इस दौरान एक वरिष्ठ चिकित्सक ने तो खुद पर आए पॉलिटिकल प्रेशर का भी किया जिक्र
साथ ही कहा कि बगैर किसी बात के "प्रेशर" बनाने की प्रेक्टिस पर रोक लगनी चाहिए
कुछ चिकित्सकों ने ये भी सुझाव दिया कि प्रशासनिक पद की ट्रेनिंग भी दी जानी चाहिए

बैठक में चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने चिकित्सकों की प्रशासनिक पदों की दिक्कतों को गंभीरता से सुना, साथ ही आश्वस्त किया कि इन दिक्कतों के स्थाई समाधान के लिए काफी काम कर लिया गया है. आगामी दिनों में अस्पतालों में इसके असर भी देखे जा सकते है. उन्होंने उम्मीद जताई कि संवाद की पहल के बाद कई योग्य चिकित्सक प्रशासनिक पदों पर काम करने के लिए आगे आएंगे.