नई दिल्ली: घरेलू शेयर बाजार में शुक्रवार से एक नए दौर की शुरूआत हुई. बाजार में सौदों का निपटान अब कारोबार के बाद एक दिन के भीतर (टी प्लस 1) ही हो जाएगा. इससे जहां निवेशकों के लिए नकदी की स्थिति बेहतर होगी और पूंजी दक्षता बढ़ेगी वहीं पूरे उद्योग के लिये जोखिम कम करने में मदद मिलेगी. टी प्लस 1 यानी ट्रेड प्लस वन बताता है कि बाजार में व्यापार संबंधित सौदों का निपटान कारोबार के बाद एक दिन के भीतर हो जाएगा. अब तक घरेलू शेयर बाजार में खरीद-बिक्री का निपटान सौदे के बाद दो कामकाजी दिवस (टी प्लस 2) में होता था.
शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने एक बयान में कहा कि 27 जनवरी से किसी भी प्रतिभूति में होने वाले कारोबार का निपटान सौदे के एक दिन के भीतर होगा. सौदे में लगने वाला समय कम करने की शुरूआत सात सितंबर, 2021 को हुई. उस समय पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजारों को इक्विटी खंड में शामिल किसी भी प्रतिभूतियों के मामले में एक जनवरी, 2022 से टी प्लस 1 निपटान व्यवस्था पेश करने की अनुमति दे दी. उसके बाद बाजार से जुड़े सभी प्रमुख संस्थानों शेयर बाजारों, समाशोधन निगम और डिपोजिटरी ने संयुक्त रूप से चरणबद्ध तरीके से टी प्लस 1 निपटान प्रणाली को लागू करने के लिये नियम-कायदे को अंतिम रूप दिये.
इसके तहत, पहले चरण में 25 फरवरी, 2022 को कुछ कंपनियां इस व्यवस्था में शामिल हुईं. उसके बाद हर महीने करीब 500-500 शेयरों को टी प्लस 1 व्यवस्था के अंतर्गत लाया गया. नई व्यवस्था के तहत शुक्रवार यानी आज से एसएमई शेयर, ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड), रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट), इक्विटी खंड में कारोबार होने वाले सरकारी स्वर्ण बॉन्ड, सरकारी बॉन्ड और कंपनी बॉन्ड समेत सभी प्रतिभूतियों का निपटान ‘टी प्लस 1’ के तहत होगा.वैश्विक स्तर पर विकसित देशों में ज्यादातर शेयर बाजारों में सौदों का निपटान ‘टी प्लस 2’ व्यवस्था के तहत होता है.
एनएसई के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आशीष कुमार चौहान ने कहा, ‘‘यह भारतीय पूंजी बाजार के लिये एक बड़ी उपलब्धि है. यह उपलब्धि सेबी के निरंतर मार्गदर्शन और बाजार से जुड़े सभी संस्थानों विशेष रूप से समाशोधन निगम, कारोबारी सदस्यों, समाशोधन सदस्यों तथा अन्य सभी पक्षों की प्रक्रियाओं को अनुकूल बनाये जाने के बिना संभव नहीं होती. उन्होंने कहा कि निपटान व्यवस्था को सौदे के बाद दो दिन की जगह एक दिन के भीतर पूरा करने से निवेशकों के लिए पूंजी दक्षता उल्लेखनीय रूप से बेहतर होगी और पूरे उद्योग के लिए जोखिम कम करने में सुधार होगा. (भाषा)