जयपुर: वर्ष 2023 में 18 करोड़ से ज्यादा पर्यटकों की मेजबानी करने वाला राजस्थान चालू वर्ष में इस रिकार्ड को भी ध्वस्त कर सकता है और 20 करोड़ पर्यटकों की मेजबानी का नया रिकॉर्ड बना सकता है. चालू वित्त वर्ष के लिए प्रदेश में गणगौर उत्सव के साथ मेले और उत्सवों की शुरुआत हो चुकी है. इस वित्त वर्ष में कुल 28 मेले और उत्सवों का आयोजन किया जाएगा. ऐसे में उम्मीद है इस बार प्रदेश में आने वाले घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या में जोरदार इजाफा देखने को मिलेगा.
राजस्थान को धर्म, संस्कृति, शौर्य और बलिदान की धरती माना जाता है. यही कारण है कि राजस्थान में यूं तो हर दिन कहीं ना कहीं छोटे-बड़े मेंले और उत्सवों का आयोजन होता रहता है.. लेकिन पर्यटन विभाग या पर्यटन विभाग के सहयोग से वृहद स्तर पर भी मेले और उत्सवों का आयोजन किया जाता है. यही मेले और उत्सव हमारी सांस्कृतिक विविधता, लोक नृत्य-संगीत, कला, हस्तशिल्प, व्यंजन, पहनावा और मेहमान नवाजी का एक ऐसा अद्भुत प्रतीक हैं जिनके आकर्षण में घरेलू और विदेशी पर्यटक खिंचे चले आते हैं. हमारी धार्मिक मान्यताएं, प्रकृति प्रेम, यहां का अद्भुत स्थापत्य जिसके प्रतीक किले, महल, बावड़ी.. नदी-नाले, झील, जंगल और एक ऐसा अनूठा और सत्य के नजदीक ग्रामीण परिवेश जो पर्यटकों के लिए शुरू से ही आकर्षण रहा है.
आइए पर्यटन विभाग द्वारा जारी मेल उत्सवों के कैलेंडर को जानने का प्रयास करते हैं: -
मेला/उत्सव स्थान तिथि
गणगौर जयपुर 11-12 अप्रेल
समर फेस्ट मा. आबू 10-12 मई
तीज जयपुर 7-8 अगस्त
कजली तीज बूंदी 22-23 अगस्त
मत्स्य उत्सव अलवर 25-26 सितंबर
आभानेरी आभानेरी 4-5 अक्टूबर
दशहरा कोटा 12-29 अक्टूबर
मारवाड़ जोधपुर 16-17 अक्टूबर
मोमासर बीकानेर 3-5 नवम्बर
पुष्कर पुष्कर 9-15 नवंबर
चन्द्रभागा झालावाड़ 14-16 नवंबर
बूंदी उत्सव बूंदी 18-20 नवंबर
कोलायत कोलायत 27-28 नवंबर
कुम्भलगढ़ कुम्भलगढ़ 1-3 दिसंबर
रणकपुर रणकपुर 21-22 दिसंबर
शरद उत्सव मा. आबू 29-30 दिसंबर
ऊंट महोत्सव बीकानेर 11-12 जनवरी
पतंग उत्सव जयपुर 14 जनवरी
जेएलएफ जयपुर 1-5 फरवरी
नागौर उत्सव नागौर 3-6 फरवरी
बेणेश्वर मेला डूंगरपुर 8-12 फरवरी
डेजर्ट फेस्ट जैसलमेर 10-12 फरवरी
वर्ल्ड म्यूजिक उदयपुर 9-14 फरवरी
बृज होली भरतपुर 9-10 मार्च
धुलेंडी जयपुर 14 मार्च
राजस्थान दिवस जयपुर 30 मार्च
गणगौर जयपुर 31 मार्च से 1 अप्रैल
मेवाड़ उत्सव उदयपुर 31 मार्च से 1अप्रैल
चालू वित्त वर्ष में पर्यटन विभाग और उसके सहयोग से कुल 28 मिले और उत्सवों का आयोजन किया जाएगा. सर्वाधिक 7 मेले- उत्सव राजधानी जयपुर में तो माउंट आबू, उदयपुर, बूंदी और बीकानेर में दो-दो मेले व उत्सव आयोजित किए जाएंगे. इस बार बीकानेर का मोमासर उत्सव नया आकर्षण होगा तो जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल इस बार जनवरी की जगह 1 से 5 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा. गणगौर उत्सव से इन आयोजनों की शुरुआत हो चुकी है.
अब अगले महीने माउंट आबू में 10 से 12 मई तक समर फेस्ट का आयोजन किया जाएगा जो कि पर्यटकों में खासा लोकप्रिय है. प्रदेश में खाटू श्याम जी का लक्खी मेला, श्री महावीर जी मेला, मेहंदीपुर बालाजी लक्खी मेला, कैला माता मेला सहित विभिन्न धार्मिक मेलों के आयोजन में आने वाले पर्यटकों की संख्या करोड़ों में है. इन मेलों का आयोजन खुद मंदिर प्रबंधन या ट्रस्ट की ओर से किया जाता है. ऐसे में ये पर्यटन विभाग द्वारा जारी सूची में भले ही शामिल नहीं हों लेकिन पर्यटकों की आवक के मामले में इनका योगदान सबसे ज्यादा है. अब पर्यटन विभाग और राज्य मेला विकास प्राधिकरण की तरफ से इन तमाम आयोजनों की तैयारी चल रही है.
उम्मीद की जा रही है कि पिछले 2 वर्ष से जो ट्रेंड शुरू हुआ है वह इस बार भी जारी रहेगा. वर्ष 2022 में पर्यटकों की संख्या 10 करोड़ 87 लाख के स्तर पर पहुंची थी और वर्ष 2023 में यह संख्या बढ़कर 18 करोड़ 6 लाख के स्तर पर पहुंची. अब उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष के अंत तक पर्यटकों की संख्या 20 करोड़ के पार पहुंचेगी जो की राजस्थान के पर्यटन इतिहास का सबसे बड़ा रिकॉर्ड होगा.