लोकसभा से विपक्ष का वॉकआउट, प्रधानमंत्री मोदी ने साधा निशाना, कहा-विपक्ष में सुनने का धैर्य नहीं

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के बीच विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया. प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष में सुनने का धैर्य नहीं है. अपशब्द बोलो भाग जाओ. ये सहमत होते तो मणिपुर पर चर्चा होती. आपको बता दें कि मोदी के भाषण के बीच विपक्षी नेताओं ने सदन से वॉकआउट किया. उनका कहना था कि मोदी मणिपुर पर नहीं बोल रहे हैं. इसके बाद मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में जिनका भरोसा नहीं होता है वो सुनाने को तैयार होते हैं लेकिन सुनने को तैयार नहीं होते. वह झूठ फैलाकर भाग जाते हैं.

इसके बाद पीएम मोदी ने मणिपुर पर बात की. वे बोले कि अगर विपक्ष ने गृह मंत्री की चर्चा पर सहमति जताई होती तो लंबी चर्चा हो सकती थी. विपक्षी पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव पर सभी विषयों पर बोले, हमारा भी दायित्व बनता है कि देश के विश्वास को प्रकट करें और सब चीजों के बारे में बताएं.अगर सिर्फ मणिपुर पर चर्चा की बात थी गृहमंत्री ने पत्र लिखकर कहा था लेकिन विपक्ष का इरादा चर्चा का नहीं था. इनके पेट में दर्द था लेकिन फोड़ सिर रहे थे.मोदी ने आगे कहा कि मणिपुर की स्थिति पर गृह मंत्री ने विस्तार से बताया था. लेकिन विपक्ष को राजनीति के सिवाय कुछ नहीं करना है. मणिपुर में एक अदालत का फैसला आया. उसके पक्ष-विपक्ष में परिस्थिति बनी और हिंसा का  दौर शुरू हुआ. कई लोगों ने अपनों को खोया, महिलाओं के साथ अपराध हुआ. दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार काम कर रही है. देश भरोसा रखे, मणिपुर में शांति का सूरज जरूर उगेगा. मणिपुर के लोगों से भी कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है, हम आपके साथ हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस नेता की ली चुटकी:
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर तीखी बहस जारी है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधीर रंजन चौधरी पर चुटकी ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सबसे बड़े दल के नेता को बोलने की सूची में नाम ही नहीं था. अधीर बाबू का क्या हाल हो गया है, उनकी पार्टी ने उन्हें बोलने का मौका ही नहीं दिया. कल अमित भाई ने बहुत जिम्मेदारी से कहा कि अच्छा नहीं लग रहा है. उन्हें बोलने का मौका दिया. लेकिन अधीर रंजन चौधरी गुड़ का गोबर करने में माहिर हैं.पीएम मोदी ने सदन में कहा कि मैं पूछता चाहता हूं कि आखिर क्या मजबूरी है कि अधीर बाबू को दरकिनार कर दिया गया है. शायद कोलकाता से फोन आ गया हो. कांग्रेस बार-बार उनका अपमान करती है. कभी चुनावों के नाम पर उन्हें अस्थायी रूप से फ्लोर लीडर से हटा देते हैं. पीएम ने चुटकी लेते हुए कहा कि हम अधीर बाबू के प्रति पूरी संवेदना व्यक्त करते हैं.

140 करोड़ देशवासियों का पुरुषार्थ इस कालखंड में, अपने पराक्रम से, पुरुषार्थ से, अपनी शक्ति से और सामर्थ्य से जो करेगा, वो आने वाले 1000 साल की मजबूत नींव रखने वाला है. 21वीं सदी का ये कालखंड, सदी का वो कालखंड है, जो भारत के हर सपने को सिद्ध करने का अवसर प्रदान करेगा. मैं नहीं जानता कि क्यों अधीर बाबू को दरकिनार कर दिया गया. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे विपक्ष के साथियों का सबसे प्यारा नारा है- मोदी तेरी कब्र खुदेगी, लेकिन मेरे लिए इनकी ये गालियां, ये अपशब्द टॉनिक का काम करते हैं. पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की जनता ने जिस काम के लिए उनको यहां भेजा है, उस जनता के साथ भी विश्वासघात किया गया है. आपको देश के युवाओं के भविष्य की नहीं बल्कि अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है.  एक दिन आप जुटे तो अपने कट्टर भ्रष्ट साथी की शर्त पर मजबूर होकर जुटे. आप ये मत भूलिए, आपको देश देख रहा है, आपके एक-एक शब्द को देश गौर से सुन रहा है. लेकिन हर बार देश को निराशा के सिवा आपने कुछ नहीं दिया है.

जब फील्डिंग विपक्ष ने लगाई, लेकिन चौके, छक्के हमारी तरफ से ही लगे:
इस अविश्वास प्रस्ताव पर भी आपने कैसी चर्चा की, इससे आपके दरबारी भी बहुत दुःखी हैं. इस डिबेट का मजा तो तब आया, जब फील्डिंग विपक्ष ने लगाई, लेकिन चौके, छक्के हमारी तरफ से ही लगे. विपक्ष No Confidence motion पर नो बॉल ही करता जा रहा है. साल 1999 में वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था. शरद पवार साहब उस समय विपक्ष का नेतृत्व कर रहे थे, उन्होंने डिबेट का नेतृत्व किया. साल 2003 में अटल जी की सरकार के समय सोनिया जी विपक्ष की नेता थीं, उन्होंने विस्तार से अविश्वास प्रस्ताव रखा. साल 2018 में खड़गे जी विपक्ष के नेता थे, उन्होंने विषय को आगे बढ़ाया.  लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश की जनता ने हमारी सरकार के प्रति बार-बार जो विश्वास जताया है. मैं आज देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूं. पीएम मोदी ने कहा कि कहते हैं कि भगवान बहुत दयालु हैं और भगवान की मर्जी होती है कि वो किसी न किसी के माध्यम से अपनी इच्छा की पूर्ति करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं इसे भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि ईश्वर ने विपक्ष को सुझाया और वो प्रस्ताव लेकर आए. 

विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ:
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साल 2018 में भी ये ईश्वर का ही आदेश था जब विपक्ष के मेरे साथी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे.एक तरह से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है और मैं आज देख रहा हूं कि आपने तय कर लिया है कि NDA और BJP 2024 के चुनाव में पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़कर भव्य विजय के साथ जनता के आशीर्वाद से वापस आएगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव हमारी सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं है, बल्कि ये उन्हीं का फ्लोर टेस्ट है.अविश्वास प्रस्ताव के मत के दौरान विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने वोट भी वो जमा नहीं कर पाए थे. इतना ही नहीं, जब हम जनता के पास गए तो जनता ने भी पूरी ताकत के साथ इनके लिए No Confidence घोषित कर दिया.

जनता के साथ भी विश्वासघात किया गया:
विपक्ष के प्रस्ताव पर यहां 3 दिनों से अलग-अलग विषयों पर काफी चर्चा हुई है. अच्छा होता सदन की शुरुआत के बाद से ही विपक्ष ने गंभीरता के साथ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया होता. पीएम मोदी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के मत के दौरान विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने वोट भी वो जमा नहीं कर पाए थे. इतना ही नहीं, जब हम जनता के पास गए तो जनता ने भी पूरी ताकत के साथ इनके लिए No Confidence घोषित कर दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपक्ष ने सिद्ध कर दिया है कि देश से बड़ा उनके लिए दल है, देश से पहले उनकी प्राथमिकता दल है. मैं समझता हूं कि आपको गरीब की भूख की चिंता नहीं है, सत्ता की भूख ही आपके दिमाग पर सवार है. पीएम मोदी ने कहा कि कई ऐसे बिल थे जो गांव, गरीब, दलित, पिछड़ों और आदिवासियों के कल्याण के लिए थे, उनके भविष्य के साथ जुड़े हुए थे, लेकिन इसमें उन्हें (विपक्ष) कोई रूचि नहीं है.देश की जनता ने जिस काम के लिए उनको यहां भेजा है, उस जनता के साथ भी विश्वासघात किया गया है.