नई दिल्ली: LAC पर अब हमारा "जोरावर" तैनात होगा. DRDO ने अब तक का सबसे लाइट टैंक लॉन्च किया है. DRDO ने लार्सन एंड टर्बो के साथ मिलकर "जोरावर" नाम का लाइट बैटल टैंक को लॉन्च किया है.
जोरावर बैटल 24 महीने में तैयार हुआ है. यह देश का पहला स्वदेशी टैंक ईस्टर्न लद्दाख में तैनात होगा. सभी परीक्षणों के बाद 2027 तक इस टैंक के सेना में शामिल करने की उम्मीद है.
DRDO प्रमुख डॉ. समीर वी. कामथ ने कहा कि देश के लिए और हमारे लिए गर्व का क्षण, हमारी मेहनत रंग लाई है. देश की सुरक्षा में जोरावर अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा.
जोरावर का वजन मात्र 25 टन
जोरावर लाइट वेट टैंक है. जिसका वजन सिर्फ 25 टन है. जिसे भारतीय सेना को लद्दाख जैसे हाई एल्टीट्यूड इलाकों में बेहतर क्षमता प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है.
जोरावर की खूबियां
-जोरावर में 105 मिमी या उससे अधिक कैलिबर की गन लगी है, जिससे एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल दागीं जा सकती हैं.
-वजन सिर्फ 25 टन है, जो टी-90 जैसे भारी टैंकों का आधा है.
-इसमें मॉड्यूलर एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर और एक एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम लगा है, जो इसे हमलों से सुरक्षित रखता है.
-फील्ड आर्टिलरी- एफवी 433, 105 एमएम है, इसमें तीन लोग बैठ सकते हैं.