Phalguna Month 2023: व्रत-त्यौहार और शुभ मुहूर्त वाला महीना होता है फाल्गुन, जानें हिंदू पंचाग के आखिरी महीने में पूजा-दान का महत्व

जयपुर: हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास साल का आख़िरी महीना होता है. सोमवार 06 फरवरी 2023 से शुरु हो जाएगा और मंगलवार 07 मार्च तक रहने वाला है. आमतौर पर यह महीना आनंद और उल्लास का महीना माना जाता है. इस महीने से ग्रीष्म ऋतु यानी गर्मियों के मौसम की शुरुआत होने लगती है. मान्यता है कि बसंत ऋतु होने की वजह से इस महीने में लोगों के प्रेम संबंधों एवं व्यक्तिगत संबंधों में सुधार होने लगता है. 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि फरवरी में 9 दिन व्रत-त्योहार वाले रहेंगे. इस महीने हर दूसरे या तीसरे दिन कोई तीज-त्योहार, व्रत, पर्व या शुभ मुहूर्त रहेगा. फरवरी के शुरुआती पांच दिन माघ के रहेंगे. बाकी 23 दिन फाल्गुन महीने के रहेंगे. इस तरह दो हिंदी महीनों का संगम भी हो रहा है. 28 दिनों के महीने में खरीदारी और नई शुरुआत के लिए 14 शुभ मुहूर्त रहेंगे. इनमें सर्वार्थसिद्धि, त्रिपुष्कर और रवियोग के साथ ही रवि पुष्य नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है.

28 दिनों में 14 शुभ मुहूर्त:
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि फरवरी में 7 सर्वार्थसिद्धि, 2 त्रिपुष्कर 5 रवियोग और एक दिन रविपुष्य नक्षत्र का संयोग बनेगा. इनमें प्रॉपर्टी और व्हीकल खरीदी-बिक्री के शुभ दिन भी शामिल हैं. इस महीने आ रहे शुभ योगों में खरीदारी और नए कामों की शुरुआत करने से सफलता मिलेगी.

फरवरी में माघ और फाल्गुन:
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि खास बात ये है कि फरवरी में हिंदी कैलेंडर के मुताबिक 5 फरवरी तक माघ मास रहेगा. इस तिथि तक आने वाले तीज-त्योहार माघ माह की परंपरानुसार होंगे, जबकि 6 तारीख से फाल्गुन महीना शुरू हो जाएगा. इसके बाद के त्योहारों में तिल के बजाय मेवा और मिठाइयों का भोग लगेगा और मंदिरों में भगवान का श्रृंगार भी बदल जाएगा. इस महीने तीर्थ स्नान और अन्य परंपराओं में भी बदलाव होने लगेगा.

तीज-त्योहार और पर्व:
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि महीने के पहले ही दिन जया एकादशी और तिल द्वादशी का पुण्य फलदायी संयोग बन रहा है. इसके अगले दिन गुरु प्रदोष रहेगा. फिर रविवार को माघी पूर्णिमा के साथ ही माघ मास खत्म हो जाएगा. सोमवार से फाल्गुन महीना शुरू होगा. इसमें द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी, कुंभ संक्रांति, विजया एकादशी, महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या और भानु सप्तमी व्रत शामिल है. जिनमें श्रद्धालु व्रत रखकर विशेष पूजा-आराधना और स्नान-दान करेंगे.

शिवलिंग पर जल चढ़ाएं:
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस माह के दौरान सफ़ेद वस्तुओं का दान करना बेहद शुभ माना गया है. आप सफेद फूल, दही, शंख, चीनी, चावल, सफेद चंदन, सफेद कपड़े आदि का दान कर सकते हैं. इस महीने प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव के लिए व्रत रखें. इस माह की पूर्णिमा तिथि को चंद्र देव के दर्शन करते हुए चंद्रमा के मंत्रों का उच्चारण करें. ये महीने शिव को विशेष प्रिय होता है. इसलिए प्रतिदिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएं.

5 फरवरी माघ पूर्णिमा:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं. माघ पूर्णिमा के दिन प्रयागराज में स्नान किया जाता है. मान्यता है कि इस शुभ तिथि पर देवता पृथ्वी लोक पर आते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. इसके साथ ही एक महीने तक चलने वाला कल्पवास भी माघ पूर्णिमा के दिन खत्म हो जाता है. इसके साथ ही इस दिन रविदास जंयती भी मनाई जाएगी.

17 फरवरी विजया एकादशी:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि विजया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की अत्यंत प्रिय मानी जाती है, यह व्रत समस्य पापों का हरण करने वाली है. भगवान कृष्ण ने बताया है कि इस एकादशी का व्रत करने से वाजपेय यज्ञ के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

18 फरवरी महाशिवरात्रि:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि महाशिवरात्रि इस बार बेहद खास होने वाली है क्योंकि इस शुभ तिथि पर शनि प्रदोष का संयोग भी बन रहा है. यह दिन शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है क्योंकि इस दिन शिव और शक्ति का मिलन हुआ था. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना करने से भक्त जीवन और मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाते हैं.

20 फरवरी सोमवती अमावस्या:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व है. यह साल की पहली अमावस्या है, इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है. इस दिन पूजा-पाठ और स्नान व दान करने का विशेष महत्व है. साथ ही सुहागिन महिलाएं भी पति और संतान के कल्याण के लिए व्रत रखती हैं.

27 फरवरी होलाष्टक आरंभ:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि होली के आठ दिन पहले से होलाष्टक लग जाते हैं इसलिए 27 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो जाएंगे और 8 मार्च तक मान्य रहेंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित बताया गया है.

योग: 
1 फरवरी - सर्वार्थसिद्धि योग 
3 फरवरी - सर्वार्थसिद्धि, रवियोग 
5 फरवरी - रवि पुष्य, सर्वार्थसिद्धि योग 
12 फरवरी - रवियोग 
18 फरवरी - सर्वार्थसिद्धि योग
21 फरवरी - त्रिपुष्कर योग
23 फरवरी- सर्वार्थसिद्धि, रवियोग 
24 फरवरी - सर्वार्थसिद्धि
25 फरवरी - रवियोग
26 फरवरी - त्रिपुष्कर
27 फरवरी - सर्वार्थसिद्धि योग 
28 फरवरी – रवियोग