Uttar Pradesh: पुलिस ने तिकोला देवी मेले में जुआ खेलने की पुरानी प्रथा पर लगाई रोक

शाहजहांपुर: शाहजहांपुर जिले के तिकोला देवी मेले के दौरान एक बाग में प्राचीन काल से चली आ रही ‘जुआ’ खेलने की प्रथा पर पुलिस ने सोमवार को रोक लगा दी. बाग में 40 पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं. पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने सोमवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि जलालाबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत ‌तिकोला गांव में लगने वाले ‘तिकोला देवी मेला’ में लोग अरसे से बड़े पैमाने पर जुआ खेलते रहे हैं, लेकिन आज से इस पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया गया है.

उन्होंने कहा कि जलालाबाद पुलिस को निर्देश दिए गये हैं कि मेले में किसी भी कीमत पर ‘जुआ’ नहीं होने दिया जाए. मीणा ने कहा कि लोग मेले में आकर पूजा अर्चना करें और मेले का आनंद उठाएं. उन्होंने बताया कि सोमवार को तिकोला देवी मंदिर से 400 मीटर दूर स्थित बाग में बने उन चबूतरों को हटवा दिया गया है जिन पर बैठकर जुआ खेला जाता था. पूरे बाग में तीन दरोगा समेत 40 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पांडव कालीन इस मंदिर के पास स्थित बाग में सैकड़ों वर्षों से जुआ खेला जा रहा है. 

करीब डेढ़ दशक पहले एक बार पुलिस ने जुआरियों को पकड़ने के लिए दबिश दी थी तब उनमें से कुछ लोग पड़ोस में ही बह रही वहबुल नदी में कूद गए थे. इस घटना में तीन जुआरियों की डूबने से मौत हो गई थी. ग्रामीण बताते हैं कि तिकोला देवी मेला के दौरान बाग में जुआ खेलने के लिए 200 से ज्यादा स्थानों पर प्रबंध किया जाता है जिसमें करीब एक दर्जन जनपदों के लोग आकर बड़ी-बड़ी बोली लगाते हैं. इस 15 दिवसीय मेले के दौरान रोजाना चार-पांच करोड़ रुपये का जुआ खेला जाता था. सोर्स- भाषा