जयपुर: प्रदेश में अब पुलिसकर्मी नॉन पुलिस इश्यूज' पर वर्दी में सोशल मीडिया पर वीडियो, रील या स्टोरी अपलोड नहीं कर सकेंगे ऐसा करने वाले पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सोशल मीडिया पर बढ़ रहे रील्स के चलन से राजस्थान पुलिस भी अछूती नहीं है. बड़ी संख्या में पुलिस से जुड़े कार्मिक वर्दी में रील्स और स्टोरी बना कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं. सिर्फ़ कांस्टेबल ही नहीं बल्कि सब इंस्पेक्टर से लेकर RPS स्तर के अधिकारियों को भी रील्स का चस्का लगा हुआ है.
सोशल मीडिया पर ख़ुद की रीच बढ़ाने और सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए लगातार पुलिस की वर्दी का दुरुपयोग हो रहा है. लेकिन अब ऐसा करने वाले पुलिसकर्मियों पर सख़्त एक्शन लिया जाएगा. क्योंकि राजस्थान के DGP यू आर साहू ने एक आदेश जारी कर वर्दी में रील्स और स्टोरी बनाने पर रोक लगा दी है. असल में DGP के पास इस तरह की कई शिकायतें पहुंची थी कि पुलिस कर्मी वर्दी का दुरुपयोग कर सोशल मीडिया पर रील्स बना रहे हैं जिसे DGP ने गंभीरता से लिया है. DGP ने सभी रेंज IG, SP और नियंत्रक अधिकारियों को इस तरह की गतिविधियों पर नज़र रखने के निर्देश दिये हैं.
कुछ लाइक्स और कमेंट के लिए पुलिस कर्मी वर्दी की गरिमा से प्रदेश में खिलवाड़ कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर कई पुलिसकर्मी तो अश्लील और फूहड़ गानों के साथ वर्दी में रील्स बना रहे हैं. इससे पुलिस की छवि को ख़ासा नुक़सान हो रहा है. राजस्थान पुलिस के मुखिया यू आर साहू बताया कि पुलिसकर्मियों द्वारा वर्दी में स्वयं के वीडियो, रील और स्टोरी जिनका पुलिस कार्य से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं होता है, उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट या अपलोड करना पुलिस नियमों के खिलाफ है. इससे विभाग की गरिमा और छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. श्री साहू ने राज्य के सभी एसपी, कमांडेंट एवं अन्य पुलिस अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि भविष्य में किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पुलिस कार्य से संबंधित कार्य के अलावा अन्य किसी भी प्रकार के वीडियो, रील, स्टोरी तैयार कर पोस्ट व अपलोड नहीं की जाए.
नियंत्रक अधिकारी इस प्रकार की पोस्ट करने वाले कार्मिकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करना सुनिश्चित करें. डीजीपी ने पुलिस कर्मियों से आह्वान किया है कि पुलिस वर्दी हमारी प्रतिबद्धता, समर्पण और जनता के प्रति हमारी जवाबदेही का प्रतीक है. इसका उपयोग करते समय हमें अत्यधिक सावधानी और गंभीरता बरतनी चाहिए. वर्दी में अनुचित सामग्री का प्रसारण न केवल अनुशासनहीनता का प्रतीक है, बल्कि यह जनता के बीच विश्वास को भी कमजोर करता है.
वर्दी में रील्स बनाने पर DGP ने रोक के आदेश जारी कर पुलिस की साख को बचाने का काम किया है. क्योंकि सोशल मीडिया पर इस तरह की रील्स और स्टोरी पुलिस की साख को ख़राब कर रहे हैं.