औरंगाबाद : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद इम्तियाज जलील ने दावा किया कि वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के नेता प्रकाश आंबेडकर के महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में मुगल बादशाह औरंगबेज के मकबरे का दौरा करने के बाद राजनीतिक दलों की भाषा बदल गई है. औरंगाबाद में मंगलवार को पत्रकारों से मुखातिब जलील ने कहा कि जब उन्होंने औरंगजेब के मकबरे का दौरा किया था, तब राजनीतिक दलों की भाषा अलग थी.
वीबीए नेता आंबेडकर ने औरंगजेब के महिमामंडन वाले सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हाल के दिनों में हुए विरोध-प्रदर्शनों और झड़पों के बाद शनिवार को मुगल बादशाह के मकबरे का दौरा किया.
एआईएमआईएम नेता नेकिया समर्थन:
जलील ने कहा कि जब हमने वहां (मकबरे) का दौरा किया था, तब उन्होंने (अन्य राजनीतिक दलों ने) जिस भाषा का इस्तेमाल किया था, वह आज बदल गई है. उन्होंने तब हंगामा खड़ा किया था. अब कहा जा रहा है कि उन्हें (आंबेडकर को) संविधान के तहत ऐसा करने का अधिकार है. औरंगाबाद से लोकसभा सदस्य जलील ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि हर किसी को वह करने का अधिकार है, जो वह करना चाहता है. हर किसी को वहां जाने का अधिकार है, जहां वह जाना चाहता है. यही संविधान की खूबसूरती है.
जलील का आरोप, अभिव्यक्ति की आजादी को कुचला जा रहा:
यह पूछे जाने पर कि क्या वह औरंगजेब के मकबरे का दौरा करने के आंबेडकर के कदम का समर्थन करते हैं, जलील ने कहा कि हां, इसका समर्थन किया जा सकता है. वह वहां जाना चाहते थे. मैं दौरे का विरोध करने वाले लोगों से कहना चाहता हूं कि यह छत्रपति शिवाजी की सीख है. इसका विरोध करने वाले लोग नहीं जानते कि छत्रपति शिवाजी महान क्यों थे.
जलील का दावा, जहर के बीज बोने का काम:
एआईएमआईएम सांसद ने कहा कि वह नहीं जानते कि मकबरे का दौरा करने के पीछे आंबेडकर का क्या मकसद था, लेकिन वह यह जानते हैं कि उक्त ढांचे के संरक्षण का जिम्मा केंद्र सरकार के पुरातत्व विभाग के हाथों में है. उन्होंने कहा कि मुझे पिछले 75 साल में एक भी ऐसा मौका बताएं, जब मुस्लिम समुदाय द्वारा औरंगजेब की जयंती मनाई गई हो या मुगल बादशाह के चित्र प्रदर्शित किए गए हों. भाजपा सत्ता में आई और अचानक ‘औरंगजेब. औरंगजेब’ का नाम उठने लगा. जलील ने दावा किया कि अब ‘जहर के बीज बोने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर सदियों पहले कुछ गलत हुआ था, तो आप आज उसका बदला नहीं ले सकते. सोर्स भाषा