जयपुर: JECC में आज प्रवासी राजस्थानी दिवस सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी बात की शुरुआत राम-राम से की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वीरों की धरती राजस्थान को नमन है. वीरता, शौर्य, परम्परा से आधुनिकता को संजोने वाला हमारा राजस्थान है.
पधारो म्हारै देश' मेहमानवाजी रॉयल राजस्थान की पहचान है. राजस्थान के विकास में जुटी भजनलाल जी और उनकी पूरी टीम को बधाई. 2047 के विजन में प्रत्येक राजस्थानी का बहुत बड़ा रोल रहेगा. जहां ना पहुंचे बैलगाड़ी, वहां पहुंचे मारवाड़ी की कहावत सटीक है. हमेशा से संघर्ष को अवसर में बदलने वाले राजस्थानियों ने अपनी कर्मठता की छाप छोड़ी है.
राजस्थान की पहचान देश में सबसे अलग है:
देश के कोने-कोने में हर छोटे-बड़े गांव शहर में राजस्थानियों की मौजूदगी है. 2 वर्षों के कार्यकाल में भजनलाल जी ने नए नए प्रयोगों सभी को जोड़ने का काम किया है. प्रवासी राजस्थानी विकसित भारत-विकसित राजस्थान के संकल्प से जुड़े तो ये विकास यात्रा सफल होगी. राजस्थान की पहचान देश में सबसे अलग है. वीरता, सम्मान और खान-पान में राजस्थान की अलग पहचान है.
राजस्थानी स्वभाव से ही दानवीर होता है:
राजस्थान की युवा शक्ति की देश में अलग पहचान है. विश्व भर में करीब 1 करोड़ प्रवासी राजस्थानी हैं. इनकी सामूहिक ताकत राज्य को बहुत उज्जवल बना सकती है. जुटेंगे तो राजस्थान विश्व का सबसे विकसित राज्य बनेगा. राजस्थान ने कई क्षेत्रों में अलग पहचान बनाई है. राजस्थानियों का इतिहास समृद्ध रहा है और जो कुछ कहा है तो वह निश्चित पूरा होगा. प्रवासी राजस्थानी दिवस के माध्यम से प्रवासियों को मातृभूमि से जुड़ने का मौका मिला है. राजस्थान की विकास यात्रा में शामिल होने का अवसर है. राजस्थानी स्वभाव से ही दानवीर होता है.