VIDEO: बजट पूर्व संवाद, CM भजनलाल शर्मा ने दिखाया सख्त लहजा, कहा- सरकार का भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस

जयपुर: सीएमओ में कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सख्त लहजे में कहा कि सरकार का भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस है.  उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार होगा तो कतई बर्दाश्त नहीं होगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को सदाचार का संदेश देते हुए कहा कि उनकी सरकार काम के प्रति लापरवाही और नाकारापन सहन नहीं करेगी और जरूरी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. मुख्य सचिव ने भी अपना रुख साफ करते हुए कहा कि कर्मचारियों के लिए जो आदेश जारी हुए हैं वे पहले से ही नियम में हैं और काम नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई से सरकार और मेहनती,ईमानदार कर्मचारियों की छवि बनेगी. 

सीएमओ में बजट पूर्व संवाद की शुरुआत कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक से हुई. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में कर्मचारी नेताओं ने सरकारी कर्मचारियों को बेवजह परेशान न करने की मांग उठाई. बैठक की शुरुआत में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त के बुलाने पर बारी-बारी से कर्मचारी नेताओं ने अपनी बात रखी,लेकिन कुछ ही देर में सभी कर्मचारी संघों के प्रतिनिधि अपनी मांगों को रखने लगे. इसका असर यह रहा कि बाद के क्रम वाले कर्मचारी नेता अपनी बात नहीं कह पाए. 

प्रमुख बिंदु
-ज्यादातर कर्मचारी नेताओं ने बजट के लिए सुझाव देने के बजाय अपनी मांगों का ज्ञापन देने पहुंच गए. 
-कर्मचारी नेताओं ने सख्ती के नाम पर बेवजह परेशान किए जाने की अपनी बात रखी.
-यह भी बात कही गई कि कर्मचारियों का एक वर्ग ऐसा भी है जो टेक्नो सेवी नहीं है और ऐसे में उन्हें 
ऑनलाइन अटेंडेंस से छूट दी जाए. 
-कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कर्मचारियों की लंबित मांगों को पूरा किया जाए. 

ये रखे गए मुख्य बिंदु
-पीएचईडी की जमीनें खुर्द बुर्द हो रहीं हैं,इसके बजाय भूमि बैंक बनाया जाए. 
-टंकियों पर विज्ञापन की अनुमति देते हुए आय का स्त्रोत बनाया जाए. 
अवैध जल कनेक्शन काटे जाएं और जलापूर्ति के समय विद्युत आपूर्ति बंद रखी जाए. एल फॉर्म की अनिवार्यता समाप्त हो. 
-निजी बोरिंग मालिकों से दोहन शुल्क वसूला जाए. 
-पदोन्नति के पांच अवसर देने, निजी सचिव की ग्रेड पे 6600 करने सहित कई प्रमुख मांगें रखी.
-प्रस्तावित स्थानान्तरण पॉलिसी में सभी तरह की महिला कर्मियों को हर हाल में गृह जिले में ही पदस्थापित करने का प्रावधान करने की पुरजोर मांग की गई. 
-सचिवालय में कुल 813 में से 249 ही सहायक कर्मचारी रह गए हैं और 2017 से नई भर्ती नहीं हुई है जिसे करवाने की मांग. 
-पूर्व की सरकार में 9,18,27 के बजाय 8,16,24,32 वर्ष के अंतराल में प्रमोशन करीब-करीब तय हो गया था जिसे लागू करने की मांग. 
-अधीनस्थ मंत्रालयिक कर्मियों की वेतन विसंगति दूर करने के साथ प्रमोशन को लेकर मौके बढ़ाएं जाएं. 
-कॉन्ट्रेक्ट पर लगे कर्मचारियों को कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग नियम के तहत लाया जाए और सुविधाएं दी जाएं. 

बैठक के अंत में कर्मचारियों का सख्ती के खिलाफ उग्र रवैया देखते हुए सीएस सुधांश पंत ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि जो पहले से ही नियमों में है उसी को लागू करते हुए प्रशासनिक व्यवस्था करने की कोशिश की जा रही है ताकि सिस्टम में जो काम नहीं करना चाहते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई तय हो सके और सरकार और अन्य मेहनती कर्मचारियों की छवि खराब न हो. इस पर सीएम ने भी सहमति जताते हुए कहा कि नाकारा और भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.