जयपुर: प्रदेश में खरीफ की फसल अब प्राकृतिक आपदा की स्थिति में सीमित हो सकेगी ताकि किसान को आर्थिक संबल मिल सके. सरकार ने फसल बीमा के लिए प्रीमियम की दर निर्धारित कर दी है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाने के लिए फसलों पर राज्य और केन्द्र सरकार की ओर से अनुदान भी दिया जाएगा. बड़ी बात यह है कि अधिसूचित फसलों की जिलेवार सूची जारी की गई है. साथ ही प्रीमियम दर और जोखिम स्तर का विवरण भी जारी कर दिया है.
जयपुर व जयपुर जिले में नगर निगम व तहसीलवार खरीफ सीजन के दौरान मूंग, चंवला, मूंगफली, ग्वार, बाजरा, ग्वार की फसल को अधिसूचित किया गया है. फसल बीमा ऋणी किसानों के लिए अनिवार्य है जबकि अऋणी किसान भी अपने हिस्से का प्रीमियम चुका कर फसल को बीमित करवा सकेंगे. बीमा के लिए किसान को फसल बीमा करवाने से पहले से अपनी गिरदावरी को संबंधित बैंक में जमा करवाना होगा. जिसके आधार पर बैंक ऋणी किसानों का प्रीमियम काटकर बीमा कंपनी को भेजेगी. वहीं जो ऋणी किसान फसल बीमा योजना से अलग रहना चाहता है तो सम्बंधित बैंक शाखा में लिखित में ऑप्ट आउट का घोषणा पत्र देना होगा. जयपुर में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को अधिसूचित किया गया है.
जयपुर की अधिसूचित फसलों की बीमित राशि
फसल-----------बीमित राशि प्रति हेक्टेयर
कपास-----------35249
चंवला------------33549
मूंग---------------45955
मूंगफली----------124552
ग्वार---------------56235
बाजरा-------------42807
तिल----------------28754
ज्वार---------------26570
जयपुर व जयपुर ग्रामीण पटवार स्तर व तहसील स्तर पर अधिसूचित फसलें
आमेर (नगर निगम)-मूंगफली, ग्वार व बाजरा
जयपुर (नगर निगम)-ग्वार व बाजरा
कालवाड़ (नगर निगम)-ग्वार व बाजरा
रामपुरा डाबड़ी (नगर निगम)-मूंगफली, ग्वार व बाजरा
सांगानेर (नगर निगम)-बाजरा
आंधी-बाजरा
आमेर-मूंगफली, ग्वार व बाजरा
बस्सी-ग्वार व बाजरा
चाकसू-मूंगफली, बाजरा व ज्वार
चौमूं-मूंगफली, ग्वार व बाजरा
जयपुर-ग्वार व बाजरा
जालसू-मूंगफली, ग्वार व बाजरा
जमवारामगढ़-बाजरा
जोबनेर-मूंगफली, ग्वार व बाजरा
कालवाड़-ग्वार व बाजरा
किशनगढ़ रेनवाल-मूंग, ग्वार, बाजरा
कोटखावदा-बाजरा
माधोराजपुरा-मूंगफली, बाजरा, ज्वार
फुलेरा-चंवला, मूंग, मूंगफली, ग्वार व बाजरा
रामपुरा डाबड़ी-मूंगफली, ग्वार व बाजरा
सांगानेर-बाजरा
शाहपुरा-बाजरा
तूंगा-बाजरा
बड़ी बात यह भी है कि फसल बीमा की अधिसूचना के अनुसार प्रत्येक जिले में आबोहवा के अनुसार फसलों को अधिसूचित किया गया है. पिछले कुछ समय से खेती किसानी से जुड़े कई किसानों ने परंपरागत फसलों की बजाए सब्जियों की खेती करना शुरू कर दिया है. जयपुर की बात करें तो हरी मिर्च, टिंडा और टमाटर को अधिसूचित किया गया है.