जयपुरः राजस्थान में अब जरूरत के वक्त यानी पीक ऑवर्स में सस्ती बिजली उपलब्ध हो सकेगी. सीएम भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप ऊर्जा विभाग ने 500/2000 मेगावाट ऑवर की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की निविदा प्रक्रिया को आखिरकार पूरा कर लिया है. टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया में सबसे खास बात ये रही कि छह कम्पनियों ने न सिर्फ भागीदारी निभाई, बल्कि 2.85 लाख रुपए प्रति मेगावाट प्रति माह की न्यूनतम टैरिफ देकर सस्ती बिजली का मार्ग भी साफ किया है.
बतौर नोडल एजेंसी राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया आमंत्रित की थी. इस दौरान 500 मेगावाट/2000 मेगावाट आवर बीईएसएस की प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया में 6 कंपनियों ने भाग लिया. इनमें पतंजलि आयुर्वेद लि. (250 मेगावाट), अल्ट्रावाइब्रेन्ट सोलर एनर्जी प्रा. लि. (50 मेगावाट आवर), रामा रिफ्लेषन इंडिया प्रा. लि. (50 मेगावाट), मेकपॉवर सॉल्यूशंस लि. (50 मेगावाट), भगवती एस्पोर्ट्स प्रा. लि. (50 मेगावाट) और दिवाकर रिन्यूएबल एंड इन्फ्रा प्रा. लि. (50 मेगावाट) ने भाग लिया. साथ ही 4-घंटे सिंगल साइकल बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की 2.85 लाख रुपए प्रति मेगावाट प्रति माह के टैरिफ पर न्यूनतम बोली लगाकर प्लांट लगाने की इच्छा जाहिर की है.
देश में सबसे कम टेरिफ !
500/2000 मेगावाट ऑवर की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली से जुड़ी खबर
हाल ही में अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार और केरल में भी पूरी की गई है निविदा प्रक्रिया
जहां 3.59 लाख रुपए प्रति मेगावाट प्रति माह से 4.41 लाख रुपए प्रति मेगावाट प्रति माह आई टेरिफ
जबकि इसकी तुलना में राजस्थान में 2.85 लाख रुपए प्रति मेगावाट प्रति माह की आई है काफी कम दर
दावा है कि 4-घंटे सिंगल साइकल बीईएसएस परियोजनाओं के लिए राजस्थान में आई है सबसे कम दर
ऊर्जा विशेषज्ञों की माने तो राज्य में प्रस्तावित 2000 मेगावाट-घंटे बीईएसएस क्षमता का प्लांट न केवल पीक डिमांड घंटों में ग्रिड की रिलायबिलिटी को मजबूत करेगा, बल्कि राजस्थान के दीर्घकालिक ऊर्जा संग्रहण और सतत विकास लक्ष्यों को भी आगे बढ़ाएगा.