जयपुरः विधानसभा का मानसून सत्र जारी है. निर्दलीय विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने बिल के पक्ष में कहा कि धर्म एक ही मानवता धर्म है. धर्मांतरण कानून की आवश्यकता है. इस बिल को पारित किया जाए. भोले भाले आदिवासी लोगों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा. मैं उस क्षेत्र से आता हूं. जहां कभी दंगे नहीं हुए.
आजादी के 80साल के बाद भी हिंदू मुस्लिम के बीच उन्माद नहीं हुआ. आपसी समझ से हम रहते हैं. लेकिन आज वोट के नाम पर जहर घोला जा रहा. मैं उस क्षेत्र से आता हूं. जहां जसवंत सिंह, तन सिंह, वृद्धि चंद जैन गंगाराम जी हादी साहेब ने साझा संस्कृति को अपनाया.
राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म सम परिवर्तन प्रतिषेध विधायक 2025 बिल पर बहस जारी है. RLD विधायक सुभाष गर्ग बिल पर बहस के दौरान कहा कि सरकार को इस विधेयक को लाने की जरूरत क्यों पड़ी. भारत सरकार के बिल में भी इतनी बड़ी जुर्माना राशि का प्रावधान नहीं है. सबकी मंशा है कि कन्वर्जन नहीं होना चाहिए लेकिन इसके पीछे मंशा क्या है रिलीजन कन्वर्जन के प्रावधानों के आधार पर करप्शन को बढ़ावा मिलेगा. इसमें पुलिस की मर्जी चलेगी और पुलिस की मर्जी चलने का मतलब सब जानते हैं. उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात के धर्मांतरण बिल का भी कर ले जो इतने जुर्माना राशि की गई है. उनमें नहीं किया गया है. इससे शुद्ध रूप से करप्शन बढ़ेगा. जैन धर्म में अधिकतर हिंदू ही है उन्हें भी इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा.
आदिवासियों के अपने देवताः
BAP विधायक थावरचंद में कहा कि आदिवासियों का स्वतंत्र धर्म कोड है. हम राजपूत से पहले शासक रहे. स्वाधीनता से पहले हमारा अलग धर्म कोड था. फिर धीरे धीरे स्वतंत्र कोड समाप्त हो गया. जो आदिवासी ईसाई बने वह हिंदू धर्म से नहीं बल्कि आदिवासी से बने है. हम वर्ण व्यवस्था में नहीं आते है. सामाजिक विज्ञान की पुस्तक में लिखा आदिवासियों के अपने देवता हैं.