Rajasthan News: विधानसभा में उठा अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना का मुद्दा, विपक्ष ने कहा- विभाग के मन्त्री टेंडर के लिए झगड़ रहे, चुनावी लाभ लेने के लिए सरकार ने यह योजना लागू की

Rajasthan News: विधानसभा में उठा अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना का मुद्दा, विपक्ष ने कहा- विभाग के मन्त्री टेंडर के लिए झगड़ रहे, चुनावी लाभ लेने के लिए सरकार ने यह योजना लागू की

जयपुर: विधानसभा में आज अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना का मामला उठा. सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने हंगामा किया. शून्यकाल में अनिता भदेल, दीप्ति किरण माहेश्वरी, प्रताप सिंह सिंघवी और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने अन्नपूर्णा फूड पैकेट का मामला उठाते हुए कहा कि चुनावी लाभ लेने के लिए सरकार ने यह योजना लागू की है. दो मंत्रियों की आपसी लड़ाई में अब जिम्मेदारी कलेक्टरों के ऊपर ढोल दी गई है, लेकिन इसके टेंडर अभी तक नहीं हुए हैं. हंगामे के बाद बीजेपी ने सदन से बहिर्गमन किया. 

बीजेपी विधायकों ने शून्यकाल में अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना को लेकर करीब 40 सदस्यों ने स्थगन प्रस्ताव लगाएं. स्पीकर ने पांच  सदस्यों को बोलने की अनुमति दी. अनिता भदेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार लूटो, खाओ व कमाओ योजना पर काम कर रही है. योजना को लेकर मन्त्री आपस मे लड़ रहे हैं. विधानसभा में प्रस्ताव किये बिना खाद्य विभाग से योजना को सहकारिता को दे दी. अब कलेक्टर को अधिकार दे दिए, सरकार आखिर इतना करप्शन क्यो करना चाहती है. टेंडर में विशेष बाध्यता रखकर किस निजी व्यक्ति को लाभ देना चाहते है. 

सरकार को फूड पैकेट की नहीं, बल्कि कमीशन की चिंता है. दीप्ति किरण माहेश्वरी ने  फूड पैकिंग फूड पैकेट योजना के अलावा भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाने लगी तो स्पीकर ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी. सुभाष पूनियां ने कहा कि भ्रष्टाचार की आमदनी के चक्कर मे दो विभाग उलझे हैं, कोई कहता है में वितरित करूँ कोई कहता है में करूं, जिस विभाग को वितरण का काम उस पर पहले से भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. प्रताप सिंह सिंघवी भी प्रभावी तरीके से नहीं बोल सके. स्पीकर ने बार बार टोक दिया. सिंघवी ने स्पीकर से कहा कि आपको देखकर आधा तो ऐसे ही भूल जाते है. सतीश पूनिया ने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार में अखंड डूबी हुई है. भू माफिया, बजरी माफिया, पानी महाविद्या इस सरकार में इस कदर हावी है कि आमजन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. सरकार ने भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार कर दी है. संस्कार संस्थागत भ्रष्टाचार के चलते पूर्व परियोजना केवल वोट के लिए लाई गई है.

 

टेंडर की शर्तों को लेकर भी विरोध शुरू हो गया:
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना की घोषणा की थी लेकिन इस योजना को खाद्य विभाग से सहकारिता विभाग को दे दिया गया था, काफी समय गुजरने के बावजूद भी अभी तक पैकेट वितरण का काम शुरू नहीं हुआ, इस बीच खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी पिछले दिनों इस योजना को दूसरे विभाग में ट्रांसफर करने पर अपनी नाराजगी जगजाहिर की थी, अब सरकार ने जिला कलेक्टरों को फूड पैकेट वितरित करने के लिए अधिकृत किया है, लेकिन टेंडर की शर्तों को लेकर भी विरोध शुरू हो गया है ऐसे में विपक्ष में बैठे ठाले एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया.