जयपुर: केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर विवादित टिप्पणी करते हुए उनकी तुलना राजनीति के रावण से कर दी. उन्होंने कहा कि राजस्थान में रामराज्य की स्थापना करनी है तो राजनीति के रावण अशोक गहलोत की विदाई करनी होगी. केन्द्रीय मंत्री गुरुवार को चित्तौड़गढ़ में भाजपा की जनाक्रोश रैली को संबोधित कर रहे थे. अब इस पर सीएम अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया सामने आई है.
हनुमानगढ़ के रावतसर दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री गहलोत ने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि मुझे रावण कहे कोई बात नहीं, मैं उनको राम कहूंगा. बस वो पीड़ितों की राशि लौटा दे, मोदी जी भी समझें. जितना करप्शन किया उन्हें नैतिक आधार पर अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. राजस्थान की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी वालों, मुझे कितने भी अपशब्द कह लो, मैं तो जनता की सेवा करने आया हूं. बीजेपी वाले मुझ पर पत्थर फेंकेंगे, मैं उन पत्थरों से गरीबों के लिए घर बनाऊंगा, स्कूल बनाऊंगा, अस्पताल बनाऊंगा. गहलोत ने कहा कि मुझे उन्हें राम कहने में कोई दिक्कत नहीं, बस 2.25 लाख लोगों का रुपया लौटा दें.
सभी राहत योजनाओं की दिनांक तय:
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी राहत योजनाओं की दिनांक तय है. किसी को कोई जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है. भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते कहा कि अब मन की नहीं काम की बात करें. सीएम गहलोत ने कहा कि भाजपा नेता हिटलर की तरह बर्ताव कर रहे हैं...और हिटलर की तरह ही देश को एक दिन बर्बाद कर देंगे.
बीजेपी को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए:
वहीं सीएम गहलोत को राजनीति का रावण बताने वाले बयान पर खासा कोठी में मीडिया से वार्ता करते हुए PCC सह प्रभारी अमृता धवन ने कहा कि राजस्थान में तो राम राज्य स्थापित है. बीजेपी को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए. बीजेपी ने देश का क्या हाल कर रखा है? देश किस जगह आकर खड़ा हो गया है ? उन्होंने काह कि नफरत के बीज बोए जा रहे हैं. धर्म और जाति की राजनीति के नाम पर लोगों को बांट रहे हैं. बीजेपी को इन मुद्दों पर अपने गिरेबान में देखना चाहिए.
गहलोत को बेहतरनी मुख्यमंत्री भी बताया:
अमृता धवन ने कहा कि शेखावत जी वरिष्ठ नेता हैं उनके मुंह से इस तरह की बातें शोभा नहीं देती. राजस्थान के लोगों ने मुख्यमंत्री को चुना है और वे जनता के प्रतिनिधि हैं. इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करना राजनीति के स्तर को और नीचे ले जाता है. इससे आपसी शिष्टाचार खत्म होता है. इस दौरान उन्होंने गहलोत को बेहतरनी मुख्यमंत्री भी बताया. उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं की चंहुओर तारीफ हो रही है.