जयपुर : राजस्थान सरकार ने खनिज संसाधनों की पारदर्शी और व्यावसायिक दोहन को सुनिश्चित करने के लिए खनिज रॉयल्टी दरों में व्यापक संशोधन किया है. नई अधिसूचना के अनुसार, अब राज्य के विभिन्न जिलों में खनन की जा रही खनिज इकाइयों पर अद्यतन शुल्क दरें लागू होंगी, जो 23 जुलाई 2025 से प्रभावी मानी जाएंगी.
राजपत्र में जारी अधिसूचना के अनुसार, सैंडस्टोन (ड्रेसेड) की रॉयल्टी दर ₹320 प्रति टन निर्धारित की गई है, जबकि जालौर, बूंदी और करौली जिलों के लिए यह दर ₹180 प्रति टन होगी. मार्बल टाइल्स (35 सेंटीमीटर से अधिक आकार की) पर ₹550 और मार्बल खंडों पर ₹400 से ₹240 प्रति टन तक की रॉयल्टी तय की गई है.बजरी, कंकर और सामान्य मिट्टी की रॉयल्टी ₹60 प्रति टन तथा ईंट निर्माण की मिट्टी पर ₹40 प्रति टन तय की गई है. समतलीकरण या भराव में प्रयुक्त मिट्टी पर न्यूनतम ₹10 प्रति टन रॉयल्टी ली जाएगी.
सरकार ने चाइना क्ले, फुलर अर्थ, डोलोमाइट, बॉल क्ले, स्टिएटाइट, क्वार्टजाइट, सिलिका सैंड और साल्ट पेट्रे जैसे उच्च उपयोग वाले खनिजों पर भी दरें संशोधित की हैं. चाइना क्ले (प्रोसेस्ड) पर ₹625 प्रति टन तथा साल्ट पेट्रे पर सर्वाधिक ₹5500 प्रति टन रॉयल्टी तय की गई है. इस निर्णय से जहां राज्य को खनिज राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद है, वहीं अवैध खनन और दरों के दुरुपयोग पर भी अंकुश लगेगा.
उद्योग विभाग का मानना है कि रॉयल्टी दरों की स्पष्ट श्रेणीकरण से खनन गतिविधियों में पारदर्शिता बढ़ेगी और खनिज आधारित उद्योगों को नियोजन में सहूलियत होगी. विशेषज्ञों का मानना है कि इस संशोधन से खनिज क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ पर्यावरणीय नियमन को भी मजबूती मिलेगी. राज्य सरकार ने यह कदम पर्यावरणीय संतुलन, खनिज नीति 2022 और उद्योग मैत्री माहौल को ध्यान में रखते हुए उठाया है.