VIDEO: बदलेगा राजस्थान का खेल कानून, आगामी विधानसभा सत्र में आ सकता हैं संशोधन का बिल, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : राजस्थान सरकार दो दशक पुराने खेल कानून को बदलने की तैयारी कर रही है. 2005 में तत्कालीन भाजपा सरकार ही खेल संघों पर नियंत्रण के लिए खेल कानून लेकर आई थी और अब भाजपा सरकार के समय ही इसमें पहली बार बदलने की तैयारी हो रही है. मौजूदा खेल कानून के चलते खेल संघों में काफी विवाद चल रहे हैं, तो दूसरी तरफ नए खेलों को मान्यता नहीं मिल रही. अब उम्मीद की जा रही है कि खेल कानून में बदलाव से खेल संघों व खिलाड़ियों को राहत मिलेगी. 

राजस्थान सरकार ने राज्य में खेल प्रशासन को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए राजस्थान खेल कानून 2005 में महत्वपूर्ण संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है. 2005 में राजस्थान क्रिकेट संघ की सत्ता में बदलाव करने के लिए खेल कानून लाया गया था, लेकिन अब इस कानून के कारण न केवल आरसीए परेशान है, बल्कि अन्य खेल संघ भी आंतरिक झगड़ों और प्रशासनिक अराजकता से जूझ रहे हैं. जब खेल कानून बनाया गया था तब 40 खेल संघों को मान्यता दी गई थी, लेकिन अब उनमें से कई संघ लुप्त हो चुके हैं, तो कई नए खेल संघ आ चुके हैं. नए खेल संघों के खिलाड़ी प्रदेश व देश के लिए पदक जीत रहे हैं, लेकिन मान्यता के अभाव में उनको सरकारी सहायता मिलने में दिक्कत होती है. प्रदेश स्तरीय कई खेल संघ समय समय पर सरकार से इस कानून को बदलने की मांग कर चुके हैं. पिछली गहलोत सरकार के समय भी खेल कानून में बदलाव की कवायद चली थी. अब एक बार फिर से खेल कानून में बदलाव करने की एक्सरसाइज शुरू हुई है.

राज्य सरकार ने खेल कानून में बदलाव की तैयारी तो कर ली है, लेकिन अभी भी कई सवाल अनुतरित है.

-आखिर किस तरह का होगा खेल कानून में बदलाव
-क्या सिर्फ खेल संघों की सूची में होगा बदलाव
-क्या खेल संघों में चुनाव की प्रक्रिया में होगा फेरबदल
-क्या खेल संघों में विवादों को खत्म करने के लिए उठाया जाएगा कदम
-एक तरफ केंद्र सरकार पूरे देश के लिए नया खेल कानून ला रही है
-लोकसभा में खेल कानून के बारे में बिल पेश हो चुका है
-ऐसे में क्या केंद्र के कानून के मुताबिक प्रदेश के कानून में होगा बदलाव
-या फिर केंद्र व राज्य के खेल कानून अलग अलग होंगे
-मौजूदा खेल कानून के चलते खेल संघ दो विभागों में उलझे रहते हैं
-खेल विभाग व रजिस्ट्रार सहकारिता के बीच झूलते रहते हैं खेल संघ
-क्या नए बदलाव में इस समस्या से छुटकारा मिलेगा खेल संघों को