जोधपुर: सैनिक कल्याण सलाहकार समिति अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह जसोल ने प्रेसवार्ता की. मानवेंद्र सिंह जसोल ने वीरांगनाओं की मांगों को लेकर बात रखी. मानवेंद्र सिंह जसोल ने कहा कि तीनों वीरांगनाओं के नाबालिग बच्चों की नौकरियां सुरक्षित हैं. वीरांगना अगर खुद चाहें तो नौकरी ले सकती हैं. वीरांगना और इनके बच्चों के अलावा और किसी को राज्य कुछ नहीं दे सकता.
राज्य सरकार के लिए बच्चे और वीरांगना ही प्राथमिकता में है,कोई और नहीं. दो वीरांगना अपने देवर के लिए नौकरी चाह रही हैं. ये मामला भारत सरकार के अधीन आता है,राज्य का विषय नहीं है. रक्षा मंत्रालय ही इस प्रकरण में संज्ञान ले सकता है.
इसके लिए बाकायदा नियम बने हुए हैं. राज्य सरकार नियमों के विरुद्ध जाकर कोई काम नहीं कर सकती है. दूसरे किसी व्यक्ति को नौकरी देने की बात केंद्र सरकार के अधीन आती है. मैं खुद भी इन वीरांगनाओं से मिला हूं. एक शहीद का बच्चा अभी 15 साल का है. अगले 3-4 साल में वो बच्चा नौकरी के लिए योग्य हो जाएगा. ऐसे में इनको जल्दबाजी नहीं करना चाहिए.
मानवेंद्र सिंह जसोल ने कहा कि कोटा में शहीद की दो मूर्तियां लग चुकी हैं. वीरांगना तीसरी मूर्ति लगाने की मांग कर रही है. इस संबंध में विधायक ने भी पत्र लिखा है,वो मामला विचाराधीन है. दो मूर्तियों का पूर्व में अनावरण हो चुका है. तीनों वीरांगनाओं और सांसद को केंद्र सरकार,गृह मंत्रालय में मांग उठानी चाहिए. हम सभी सांसदों से निवेदन करेंगे कि केंद्र सरकार से मांग करें.