जयपुर: राजस्थान में इन दिनों धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वकांक्षी परियोजनाएं चल रही हैं. पर्यटन विभाग इन्हें मूर्त रूप देने में जुटा है. धार्मिक पर्यटन के तहत 235 करोड़ रुपए विभिन्न परियोजनाओं के लिए स्वीकृत किए जा चुके हैं.
राजस्थान पर्यटन ने घरेलू और विदेशी पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए दो और नए सर्किट विकसित किए हैं. पहला सर्किट धार्मिक पर्यटन को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है. इस सर्किट को 'सर्व धर्म सम्भाव - धार्मिक तीर्थ सर्किट' नाम दिया गया है. इस सर्किट के तहत 89.33 करोड़ रुपए की लागत से राज्य के विभिन्न जिलों में तीर्थ स्थलों, दरगाहों, गुरुद्वारों और जैन मंदिरों का नवीनीकरण और पर्यटकों की सुविधाओं के लिए विकास कार्य किए जा रहे हैं. जयपुर, अजमेर, सीकर, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, करौली, माउंट आबू, भीलवाड़ा और झालावाड़ जिलों को जोड़ते हुए 'सर्व धर्म सम्भाव सर्किट विकसित किया गया है. इस सर्किट के तहत हिन्दू, मुस्लिम, सिख और जैन तीर्थ क्षेत्रों का विकास व संवर्धन किया जा रहा है. वहीं, सीकर और झुंझुनू जिलों को जोड़ते हुए 'शेखावाटी सर्किट' विकसित किया गया है और इसके तहत इन दोनों जिलों की हवेलियों का जीर्णोद्धार, संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है.
पर्यटन विभाग के उपनिदेशक दलीप सिंह राठौड़ के अनुसार सर्वधर्म सर्किट धार्मिक पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा. राजस्थान सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है यही कारण है कि जयपुर स्थित गोविंद देव जी मंदिर का 100 करोड़ रुपए की लागत से उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर विकास किया जाएगा और डूंगरपुर स्थित बेणेश्वर धाम का 100 करोड़ व सीकर स्थित खाटू श्याम जी मंदिर में एक डेडिकेटेड कॉरिडोर विकसित किया जाएगा जिसकी लागत 32 करोड़ रुपए है. उपनिदेशक पर्यटन राठौड़ का कहना है कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन क्षेत्र में घरेलु और विदेशी पर्यटकों की आमद खासी संख्या में रहती है क्योंकि प्रदेश में राजसमंद जिले में नाथद्वारा, सीकर जिले में खाटू श्याम जी, अजमेर जिले में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और भगवान ब्रह्मा मंदिर और चूरू जिले में सालासर बालाजी मंदिर जैसे अति लोकप्रिय धार्मिक स्थल हैं.
धार्मिक पर्यटकों की सुविधा पर विशेष ध्यान देते हुए राज्य सरकार पर्यटन के बुनियादी ढांचे को मजबूती देने में जुटी है. यही कारण है कि वर्ष-2022 में प्रदेश में तकरीबन 7.5 करोड़ देशी और विदेशी धार्मिक पर्यटकों की आवाजाही रही. धार्मिक सर्किट व सर्वधर्म तीर्थ स्थलों का विकास करने के साथ ही राज्य सरकार धार्मिक त्यौहारों पर मेले व उत्सवों सहित कई विशेष कार्यकर्मों का आयोजन भी करती है जिसमें गणगौर उत्सव, तीज उत्सव, मेवाड उत्सव, उर्स- अजमेर, पुष्कर उत्सव, रणकपुर उत्सव व ब्रजहोली महोत्सव उल्लेखनीय हैं.