इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना का द्वितीय लाभार्थी संवाद, CM गहलोत बोले- प्रदेशवासियों के सुख-दुख में भागीदार बनकर कार्य कर रही राज्य सरकार

इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना का द्वितीय लाभार्थी संवाद, CM गहलोत बोले- प्रदेशवासियों के सुख-दुख में भागीदार बनकर कार्य कर रही राज्य सरकार

जयपुर: प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आमजन के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन सरकारों की जिम्मेदारी और जनता का अधिकार है. राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों के सुख-दुख में भागीदार बनकर विगत साढ़े चार वर्ष में जो कार्य किए वो अभूतपूर्व हैं तथा इनकी घर-घर में चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि महंगाई से प्रदेश की जनता को राहत देने के लिए राज्य सरकार द्वारा महंगाई राहत कैम्पों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें 500 रुपए में गैस सिलेण्डर के साथ ही महंगाई से राहत देने वाली 10 जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री गहलोत गुरुवार को सीएम आवास पर आयोजित राज्य स्तरीय लाभार्थी संवाद में इंदिरा गांधी गैस सिलेण्डर सब्सिडी योजना के लाभार्थियों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बटन दबाकर एक साथ 36.76 लाख लाभार्थियों के खातों में 155.92 करोड़ रुपए के लाभ का हस्तातंरण किया. इसमें अप्रैल माह के डीबीटी के लाभ से शेष रहे 1.72 लाख उपभोक्ताओं को 7.32 करोड़ रुपए के साथ ही मई माह के 16 लाख 71 हजार उपभोक्ताओं को 70 करोड़ 86 लाख रुपए एवं जून माह के 18 लाख 33 हजार उपभोक्ताओं को 77 करोड़ 73 लाख रुपए हस्तांतरित किए गए. इस प्रकार कुल 36 लाख 76 हजार उपभोक्ताओं को 155 करोड़ 92 लाख रूपए ट्रांसफर किए. 

इंदिरा गांधी गैस सिलेण्डर सब्सिडी योजना के पंजीकृत उपभोक्ताओं को लाभ हस्तांतरण का यह दूसरा चरण है. इससे पूर्व 5 जून को मुख्यमंत्री ने लगभग 14 लाख पंजीकृत उपभोक्ताओं के खातों में करीब 60 करोड़ रूपए की राशि हस्तांतरित की गई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनकल्याण के संकल्प के साथ किए गए हर वादे को पूरा कर रही है. प्रदेशभर में महंगाई राहत कैम्प के माध्यम से 10 योजनाओं के लाभ की गारन्टी दी जा रही है, जिनमें से 8 योजनाएं धरातल पर उतर चुकी है. इंदिरा गांधी गैस सिलेन्डर सब्सिडी योजना के अन्तर्गत 500 रूपए में गैस सिलेण्डर, मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट प्रतिमाह निःशुल्क बिजली, मुख्यमंत्री निःशुल्क कृषि बिजली योजना के अन्तर्गत कृषि उपभोक्ताओं को 2000 यूनिट प्रतिमाह फ्री बिजली, महात्मा गाँधी नरेगा योजना के तहत 25 दिन का अतिरिक्त रोजगार तथा कथौड़ी, सहरिया व विशेष योग्यजन को 100 अतिरिक्त दिवस का रोजगार, इन्दिरा गाँधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत 125 दिन का रोजगार, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में न्यूनतम 1000 रूपये पेंशन प्रतिमाह, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 25 लाख रूपए का स्वास्थ्य बीमा तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना में 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर दिया जा रहा है. सीएम गहलोत ने कहा कि अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना गारंटी के तहत 1 करोड़ 6 लाख परिवारों को निःशुल्क फूड पैकेट का वितरण 15 अगस्त, 2023 से प्रारम्भ होगा. वहीं, मुख्यमंत्री कामधेनू बीमा योजना भी शीघ्र लागू होगी.

सीएम गहलोत ने कहा कि आज देश का आम नागरिक बढ़ती हुई महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है. केन्द्र सरकार ने उज्ज्वला योजना लागू की, लेकिन गैस सिलेंडर की कीमतें लगातार बढ़ते हुए 1150 रुपए तक पहुंच गई. इसी प्रकार टमाटर के दाम भी 150 रुपए किलो तक पहुंच चुके हैं. निरंतर बढ़ रही महंगाई से आमजन में रोष है. केन्द्र सरकार को आम लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि महंगाई से राहत देने के लिए ही राज्य सरकार मात्र 500 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध करा रही है. देश के कई अन्य राज्य भी इस पहल का अनुकरण कर रहे हैं. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां कानून बनाकर न्यूनतम आय की गारंटी प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि राज्य में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत लगभग 1 करोड़ एकल नारी, विधवा, बुजुर्ग एवं निशक्तजनों को पेंशन दी जा रही है. न्यूनतम पेंशन की राशि 1000 रुपए कर दी गई है. राज्य में महात्मा गांधी नरेगा योजना के साथ ही इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत 125 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है.

पालनहार योजना के अंतर्गत करीब 6 लाख बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं. यह योजना उनके जीवन को सही दिशा देने में मददगार साबित हो रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में पालनहार सहित अन्य योजनाओं को दायरे में लाकर न्यूनतम आय की गारंटी कानून को और सशक्त बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने मणिपुर के हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे देश की बदनामी हो रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा मणिपुर की तुलना राजस्थान और छत्तीसगढ़ से किया जाना अनुचित है. भ्रामक तथ्यों पर आधारित खबरों से प्रदेश के लोगों का मनोबल गिरता है. राज्य में एफआईआर की अनिवार्यता से आकड़ों में जरूर बढ़ोतरी हुई है, लेकिन लोगों को न्याय सुनिश्चित हो रहा है.