नई दिल्लीः भाई को उसकी रक्षा का सूत्र बांधकर बनाये जाने वाला त्यौहार रक्षाबंधन इस बार 30 और 31 दोनों ही दिन बनाया जायेगा. ये किसी और का नहीं बल्कि ज्योतिषियों का कहना है. ऐसे में सभी के मन में अलग-अलग तर्कों को लेकर असमंजस बना हुआ हैं क्योंकि राखी का त्यौहार पूर्णिमा के दिन बनाया जाता है.
ऐसे में इस बार पूर्णिमा के दो दिन 30 और 31 अगस्त होने के कारण इसका सयोग बिगड़ता नजर आ रहा है. इसके साथ ही इस महीने में आने वाले दो पंचक के चलते भी तिथि का सयोग गड़बड़ा गया है. अगस्त के आखिरी सप्ताह में इस माह का दूसरा पंचक लगने जा रहा है. खास बात ये है कि इस बार रक्षाबंधन पर भी पंचक का साया रहेगा. शुभ काम, अनुष्ठान, मांगलिक कार्य करने से पहले पंचका का विचार जरुर किया जाता है. पंचक में कुछ ऐसे काम हैं जो भूलकर भी नहीं करना चाहिए नहीं तो जीवन पर भी संकट आ सकता है.
भद्रा का भी रहेगा सायाः
ज्योतिषियों का कहना है कि 30 अगस्त 2023 को पंचक के साथ रात 09.01 मिनट तक भद्रा भी रहेगी. ऐसे में इसके बाद ही भाई की कलाई पर राखी बांधें. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. गिरिजाशंकर शास्त्री का कहना है कि 30 अगस्त को भद्रा सुबह 10.05 से शुरू होकर रात 8.58 पर खत्म होगी. भद्रा खत्म होने के बाद रक्षाबंधन करना चाहिए. वहीं, लोक परंपरा और अलग-अलग मत के चलते अगले दिन सुबह 7.37 तक पूर्णिमा तिथि के दौरान भी रक्षाबंधन किया जा सकता है.
रक्षाबंधन पर राखी बांधने से पहले बहनें ‘वसो पवित्रेति नम:’ मंत्र का जाप करें फिर चावल के आटे से चौक बनाएं और मिट्टी के मटके की स्थापना करें. मटके का पूजन करें. उस पर तिलक लगाएं, फूल चढ़ाएं और फिर रक्षा सूत्र बांधकर मिठाई चढ़ाएं. इसके बाद पूर्व दिशा की ओर भाई का मुख करके राखी बांधें